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Tata-Ernakulam Express Fire : आंध्र प्रदेश में भीषण रेल हादसा : टाटा-एर्नाकुलम एक्सप्रेस की दो बोगियां बनी आग का गोला, एक यात्री की मौत

Tata-Ernakulam Express Fire : आंध्र प्रदेश में भीषण रेल हादसा : टाटा-एर्नाकुलम एक्सप्रेस की दो बोगियां बनी आग का गोला, एक यात्री की मौत
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Tata-Ernakulam Express Fire : आंध्र प्रदेश में भीषण रेल हादसा : टाटा-एर्नाकुलम एक्सप्रेस की दो बोगियां बनी आग का गोला, एक यात्री की मौत

By UMA

Tata-Ernakulam Express Fire : अनाकापल्ली : आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात एक हृदयविदारक रेल हादसा सामने आया, जिसमें टाटा-एर्नाकुलम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (18189) की दो एसी बोगियां भीषण आग की चपेट में आ गईं। यह घटना उस समय घटी जब ट्रेन विशाखापत्तनम-दुव्वाडा मार्ग से होते हुए एर्नाकुलम की ओर जा रही थी। सोमवार आधी रात करीब 1:30 बजे, जब अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे, एलामंचिली रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के बी-1 और एम-2 कोच से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते दोनों कोच पूरी तरह से आग के गोले में तब्दील हो गए। लोको पायलट की सूझबूझ से ट्रेन को तुरंत स्टेशन के पास रोका गया, जिससे आग को अन्य बोगियों में फैलने से पहले ही नियंत्रित करने की कोशिश की जा सकी।

Tata-Ernakulam Express Fire : हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग में हड़कंप मच गया। अनाकापल्ली, एलामंचिली और नक्कापल्ले से दमकल की कई गाड़ियां तुरंत मौके पर भेजी गईं। हालांकि, दमकल कर्मियों के पहुंचने तक आग इतनी विकराल हो चुकी थी कि दोनों कोच जलकर पूरी तरह राख हो चुके थे। इस दौरान ट्रेन के भीतर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। जान बचाने की जद्दोजहद में यात्री अपना सामान छोड़कर खिड़कियों और दरवाजों से बाहर की ओर भागे। आग और काले धुएं के कारण पूरे स्टेशन परिसर में दृश्यता कम हो गई, जिससे बचाव कार्य में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस आगजनी ने न केवल ट्रेन को क्षति पहुंचाई बल्कि यात्रियों के मन में भी गहरा खौफ पैदा कर दिया।

रेलवे द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि बी-1 एसी कोच के ब्रेक जाम होने के कारण उत्पन्न हुए घर्षण से यह आग भड़की थी। इस भीषण अग्निकांड में विशाखापत्तनम के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग चंद्रशेखर सुंदर की जिंदा जलकर बेहद दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह समय रहते कोच से बाहर नहीं निकल पाए। इसके अलावा, करीब दो दर्जन से अधिक यात्री आग की तपिश और धुएं के कारण झुलस गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में यात्रियों का सारा कीमती सामान, दस्तावेज और कपड़े भी जलकर नष्ट हो गए, जिससे यात्रियों को भारी आर्थिक और मानसिक क्षति पहुंची है।

इस दुर्घटना के बाद विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा मुख्य रेल मार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया, जिसके चलते कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। रेलवे प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए तड़के 3:30 बजे से ही विशेष बसों और वैकल्पिक ट्रेनों का प्रबंध शुरू कर दिया था। घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंगालापुडी अनीता ने अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार और रेल सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और भविष्य में ऐसी तकनीकी खामियों को रोकने के लिए रेलवे से सुरक्षा मानकों की गहन समीक्षा करने का आग्रह किया है।

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