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Sanatan Dharma Row: सनातन धर्म मुद्दे पर मंत्री शेखर बाबू के खिलाफ तमिलनाडु बीजेपी का अभियान तेज

Sanatan Dharma Row: भाजपा ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) मंत्री पी.के. शेखर बाबू के सनातन धर्म उन्मूलन बैठक में भाग लेने पर आपत्ति जताई और उनके खिलाफ अभियान तेज कर दिया। बैठक में उदयनिधि स्टालिन ने विवादास्पद टिप्पणी की थी...

Sanatan Dharma Row: सनातन धर्म मुद्दे पर मंत्री शेखर बाबू के खिलाफ तमिलनाडु बीजेपी का अभियान तेज
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Sanatan dharma row 

By Manish Dubey

Sanatan Dharma Row: भाजपा ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) मंत्री पी.के. शेखर बाबू के सनातन धर्म उन्मूलन बैठक में भाग लेने पर आपत्ति जताई और उनके खिलाफ अभियान तेज कर दिया। बैठक में उदयनिधि स्टालिन ने विवादास्पद टिप्पणी की थी।

भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मंत्री पर निशाना साधा और कहा कि जब उदयनिधि स्टालिन कह रहे थे कि द्रमुक सनातन धर्म को खत्म कर देगी, तब राज्य के मंदिरों के प्रभारी मंत्री देख रहे थे।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयान से संकेत मिलता है कि भगवा पार्टी शेखर बाबू के खिलाफ अपना अभियान तेज कर रही है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एच. राजा ने आईएएनएस को बताया कि भाजपा मंत्री पद से शेखर बाबू के इस्तीफे के लिए अपना अभियान बढ़ाएगी।

भाजपा के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी मंत्री के खिलाफ जिला स्तर पर अभियान चलाएगी और मंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग करेगी।

अन्नामलाई ने कहा है कि तमिलनाडु के लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलने में डीएमके की मंशा को आसानी से समझ सकते हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि द्रविड़ कड़गम के अध्यक्ष के. वीरमणि ने सनातन धर्म को हिंदू धर्म के बराबर बताया था, जबकि उदयनिधि स्टालिन सहित द्रमुक नेता कह रहे हैं कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म अलग-अलग है।

अन्नामलाई ने सोमवार को शेखर बाबू के इस्तीफे की मांग की, क्योंकि उन्होंने एक बैठक में भाग लिया था, जिसमें द्रविड़ कड़गम के के वीरमणि ने कहा था कि सनातन धर्म हिंदू धर्म है और उसी सम्मेलन में उदयनिधि स्टालिन ने इसके उन्मूलन का आह्वान किया था।

अन्नामलाई ने यह भी कहा कि द्रमुक के राजनीतिक लाभ के लिए एक विशेष आस्था (हिंदू धर्म) को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से 20 केंद्रीय मंत्री हैं, जबकि तमिलनाडु में एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार में एससी/एसटी समुदाय से केवल तीन मंत्री हैं। उन्होंने द्रमुक पर भी तंज किया और कहा कि कैबिनेट में एससी/एसटी मंत्रियों को महत्वहीन विभाग दिए गए हैं

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