Swami Prasad Maurya News: स्वामी प्रसाद मौर्य के फिर बिगड़े बोल, हिंदू को बताया फारसी शब्द कहा- इसका अर्थ- चोर, नीच
Swami Prasad Maurya News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में गांधी भवन में संविधान व आरक्षण संरक्षण सेना के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म और सनातन को लेकर जमकर भड़ास निकाली.
Swami Prasad Maurya News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में गांधी भवन में संविधान व आरक्षण संरक्षण सेना के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म और सनातन को लेकर जमकर भड़ास निकाली. समाजवादी पार्टी के महासचिव ने कहा कि हिंदू धर्म कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि हिंदू एक फारसी शब्द है जिसका मतलब होता है चोर, नीच, अधम. साथ ही उन्होंने देवी-देवताओं को लेकर भी अमर्यादित टिप्पणी की.
मंच से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसको तुम हिंदू राष्ट्र बोलते हो वह भारत राष्ट्र पहले से स्थापित है. यह भारत कभी भी न हिंदू राष्ट्र था, न हिंदू राष्ट्र है और न हिंदू राष्ट्र रहेगा. कभी नहीं रहेगा. इसीलिए साथियों हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग संविधान विरोधी हैं. लोकतंत्र विरोधी हैं. इस देश के आदिवासी, दलित और पिछड़े विरोधी हैं. इसलिए सावधान रहना. आपको एक लंबे संघर्ष के बाद भारतीय संविधान मिला है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू धर्म कैसे? सच पूछिए तो हिंदू एक फारसी शब्द है और फारसी में इसका अर्थ होता है चोर, नीच अधम. ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहा क्यों गया? क्योंकि 1931 की जातीय जनगणना में ब्राह्मण की आबादी साढ़े तीन प्रतिशत थी. अगर इसको ब्राह्मण धर्म कहा जाता तो साढ़े तीन फीसदी आबादी वाला ब्राह्मण अल्पसंख्यक हो जाता. अपने को बहुसंख्यक बनाए रखने के लिए क्षत्रियों को भी जोड़ लिया, वैश्यों को भी जोड़ लिया और शूद्रों को भी जोड़ लिया. हम बहुसंख्यक बने रहे. चालबाजी समझो. इसीलिए हम जिसको हिंदू धर्म मानते हैं वह हिंदू धर्म है ही नहीं. अगर हिंदू धर्म होता तो सबको बराबर का दर्जा दिया जाता.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या से जब सनातन धर्म पर हो रही बयानबाजी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा “कुल मिला कर जो सनातन का अर्थ नहीं समझते वह सनातन-सनातन करके गाल ज्यादा बजा रहे हैं. मैं भी सनातन में विश्वास करता हूं. सनातन जो शाश्वत है. लाख साल पहले भी था आज भी है और आगे भी रहेगा. जैसे सूरज है, हमें प्रकाश देता है, उससे हमें जीवन मिलता है, यह सनातन है. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, यह सनातन है. आज हवा, जल और आग यह हमें जीवन देते हैं, यह सनातन है. मां के पेट से बच्चा पैदा होता है, यह सनातन है, लेकिन मुंह से कोई पैदा करता है, हाथ से कोई पैदा करता है, जंघे से कोई पैदा करता है यह सनातन नहीं है. यह ढोंग है, ढकोसला है और साथ ही साथ जाति-पात, छुआछूत भेदभाव, यह सनातन नहीं है. यह कैंसर से बड़ी बीमारी है. जो लोग सनातन की परिभाषा नहीं जानते हैं, जो लोग सनातन का अर्थ नहीं जानते हैं, वह सनातन पर ज्यादा गाल बज रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोग सनातन के विषय में एबीसीडी नहीं जानते हैं. सनातन है क्या? यह कहते हैं सनातन धर्म है. सनातन एक गुण है, धर्म नहीं है और जो सनातन गुण है उसको ना कोई मिटा पाया ना कोई मिटा पाएगा, ना कोई छेड़खानी कर सकता है ना कोई छेड़खानी कर पाएगा.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ब्राह्मण स्वयंभू है और कैसा स्वयंभू है जो अपनी मां के पेट से पैदा होने में यकीन नहीं करता है. वह कहता है कि हम ब्रह्मा के मुंह से पैदा हुए हैं. क्या बिडम्बना है, आज तक किसी को मुंह से पैदा होते देखा क्या आपने? हरदोई वाले आप बताओ किसी को ब्रह्मा के मुंह से पैदा होते देखा? किसी को हाथ से क्षत्रिय पैदा करते देखा? किसी को वैश्य समाज को पैदा होते देखा क्या? किसी को पैर से पैदा होते देखा क्या? नहीं, पैदा तो जो भी होता है वह अपनी मां के पेट से पैदा होता है. वह चाहे भारत हो, चीन हो, जापान हो, थाईलैंड हो, अमेरिका हो, यूरोप हो, रूस हो या कोई भी देश हो हर जगह बच्चा पैदा होने की प्रक्रिया एक ही है. हर जगह मां के पेट से ही बच्चा पैदा होता है, लेकिन यहां के ढोंगी और पाखंडी लोग अलग नियम बना लेते हैं. कहते हैं कि कोई मुंह से पैदा हुआ, कोई बाहू से पैदा हुआ, कोई जांघ से पैदा हुआ, कोई पैर से पैदा हुआ. लगता है कि ब्रह्मा के शरीर में चार-चार जगह पैदा होने वाली अलग से थी.