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Swachh Survekshan 2023: शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण का शुभारंभ, जानिए इस बार किन पैमानों पर परखे जाएंगे शहर

Swachh Survekshan 2023

Swachh Survekshan 2023: शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण का शुभारंभ, जानिए इस बार किन पैमानों पर परखे जाएंगे शहर
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By Sanjeet Kumar

नई दिल्‍ली। दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 - मेरा शहर, मेरी पहचान के 8वें संस्करण की तैयारियां पूरी हो गई हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) 2023 के लिए ‘फील्ड असेसमेंट’ का शुभारंभ किया है। स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2023 के तहत, लगभग 3,000 मूल्यांकनकर्ता 01 जुलाई, 2023 से ‘फील्ड असेसमेंट’ शुरू करेंगे। ये मूल्यांकनकर्ता 46 संकेतकों में 4500 से अधिक शहरों के कार्य प्रदर्शन का अध्ययन करेंगे। यह कार्य एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है। 24 मई, 2022 को शुरू किया गया स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 वेस्ट टू वेल्थ का चैंपियन है, जिसे अपशिष्‍ट के प्रसंस्करण और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए तैयार किया गया है।

मूल रूप से एक प्रतिस्पर्धी निगरानी उपकरण के रूप में तैयार किया गया, स्वच्छ सर्वेक्षण वर्ष 2016 में आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वच्छता और एक त्‍वरित प्रतिस्पर्धी तरीके से सतत स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शहरों की मदद करना है। स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरी स्वच्छता को बेहतर बनाने और अपने नागरिकों को सर्वोत्तम सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए शहरों में प्रतिस्पर्धा की स्वस्थ भावना को प्रोत्‍साहित किया है। इस वर्ष के मूल्यांकन में 10 करोड़ से अधिक नागरिकों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह निश्चित रूप से दुनिया का एक सबसे बड़ा वार्षिक शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन जाएगा। चार तिमाहियों में आयोजित होने वाले इस मूल्यांकन की पहली तीन तिमाहियाँ सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं।

इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की एक नई तीसरी तिमाही शुरू हो गई है और राज्यों/शहरों ने अपनी गतिविधियां और तैयारियों के स्तर को बढ़ाते हुए सर्वेक्षण की तैयारी पूरी कर ली है। पिछले दो महीनों के दौरान पूरे देश में भीषण गर्मी की स्थिति से बचने के लिए, चौथी तिमाही अब 01 जुलाई, 2023 से शुरू की जा रही है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के मूल्यांकन की चौथी और अंतिम तिमाही सबसे कड़ी और प्रतीक्षित है। इस तिमाही का शुभारंभ करते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण के पिछले 7 वर्ष स्वच्छ भारत मिशन की मुख्य विशेषता रहे हैं और हमें इस भावना को इस वर्ष भी जारी रखना है। हम छोटे और मध्यम आकार के शहरों के लिए इस मिशन को आसान और उपयोगी बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छता को बेहतर बनाने में लगातार एक प्रबंधन उपकरण बना रहे। मैनहोल को मशीन होल में बदलने पर जोर देते हुए, उन्‍होंने सफाई मित्र सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। अपशिष्ट प्रसंस्करण के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने स्रोत पर ही अपशिष्‍टों को अलग-अलग करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मुझे विश्‍वास है कि यह सर्वेक्षण स्वच्छता को बेहतर बनाने के लिए शहरों को प्रेरित करता रहेगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के संकेतकों ने घर-घर से लिए गए कचरे को अलग-अलग करने, जीरो अपशिष्ट कार्यक्रम, दिव्यांग-अनुकूल शौचालय, बेहतर प्लास्टिक अपशिष्‍ट प्रबंधन और बैकलेन स्‍वच्‍छता से संबंधित मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया हैं। इन संकेतकों के लिए इस वर्ष अंक बढ़ाए गए हैं। 'मैनहोल' को 'मशीन होल' में बदलने के बारे में जोर देते हुए सफाई मित्र सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। इस घटक के तहत 2x अंक बढ़ाए गए हैं। ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ नामक नए संकेतकों को 2 प्रतिशत अधिमान्‍य के साथ शुरू किया गया है। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए स्वच्छ ट्यूलिप ने एक नए संकेतक के रूप में स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2023 में प्रवेश किया है। इसके अलावा, रैड स्‍पोट्स (वाणिज्यिक/आवासीय क्षेत्रों में थूकना) को भी सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई के तहत एक नए संकेतक के रूप में जोड़ा गया है। आरआरआर - आरआरआर केंद्रों की कार्यक्षमता को प्रोत्‍साहित करने पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है । इस वर्ष शहरों में सभी अपशिष्ट उपचार सुविधाओं के विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन के लिए 40 प्रतिशत अधिमान्‍य देने का संकेत दिया गया है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 - 24 मई, 2022 को शहर की स्वच्छता के विभिन्न मापदंडों पर नागरिकों से टेलीफोन पर बातचीत के साथ शुरू किया गया था। 8 वर्षों में इसने यह दर्शाया है कि स्वच्छ पड़ोस, स्वच्छ नालियां, स्वच्छ बाजार क्षेत्र आदि के संबंध में नागरिकों की धारणा और प्रतिबद्धता मजबूत हुई है। स्वच्छता सर्वेक्षण में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए नागरिकों की प्रतिक्रिया विभिन्न चैनलों- वोट फॉर माई सिटी ऐप, वोट फॉर माई सिटी पोर्टल, माईगॉव ऐप, स्वच्छता ऐप और क्यूआर कोड के माध्यम से एकत्र की जाती है। अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए इस क्‍यूआर कोड को स्कैन करें। नागरिक 01 जुलाई, 2023 से अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर सकते हैं। वर्षों से नागरिकों की प्रतिक्रिया राज्य सरकारों, शहर प्रशासन और महत्वपूर्ण रूप से इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाली जनता के उत्साही सहयोग से बिना किसी बाधा के एकत्र की गई है।

गुणवत्ता आश्वासन पर ध्यान देते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिक्रिया और शिकायतें स्वच्छ सर्वेक्षण प्रक्रिया में शामिल हैं, मूल्यांकन एजेंसी कुछ अधिदेश देती हैं। सर्वेक्षण शुरू करने से पहले फील्ड असेसमेंट टीमों को प्रक्रिया और उपकरणों के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है, साक्षों के लिए दो स्तर पर गुणवत्ता जांच आयोजित की जाती हैं। प्रोटोकॉल की जांच के लिए कोर टीम द्वारा अचानक क्षेत्र का निरीक्षण भी किया जाता है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने सर्वेक्षण का कामकाज बिना किसी बाधा के सुनिश्चित करने के लिए गुणात्मक उपाय किए हैं। टूलकिट और मूल्यांकन आदि से संबंधित मामलों में राज्यों/शहरों के लिए संपर्क के एकल बिंदु के रूप में एक राष्ट्रीय टीम को विशेष रूप से नामित किया गया है। मंत्रालय मूल्यांकन प्रक्रिया की निगरानी के लिए भी विभिन्न शहरों में एक मुख्‍य टीम भेजेगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरी परिदृश्य में बदलाव और परिवर्तन के रास्‍तों को प्रशस्‍त किया हैं। अब यह एक प्रेरक उपकरण बन गया है और इसे राज्यों/शहरों के लिए एक गर्व के विषय के रूप में जाना जाता है। शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ अब परिवर्तन को प्रोत्‍साहित करने का समय आ गया है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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