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Hathras Stampede Case: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस सत्संग में भगदड़ का मामला, याचिका में की गई ये मांगें

Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में हुई 123 लोगों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की है।

Hathras Stampede Case: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस सत्संग में भगदड़ का मामला, याचिका में की गई ये मांगें
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By Ragib Asim

Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में हुई 123 लोगों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की है। इस पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी। इससे पहले विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें आयोजन समिति सहित प्रशासनिक अधिकारियों पर निशाना साधा है।

याचिका में क्या की गई है मांग?

सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर भगदड़ त्रासदी की जांच शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति से कराने की मांग की है। इसी तरह उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से घटना के संबंध में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और जिम्मेदार मिले अधिकारियों सहित दोषियों पर कार्रवाई कराने की मांग भी की है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश भी दे दिया है।

SIT ने रिपोर्ट में क्या बताया भगदड़ का कारण?

SIT ने 300 पन्नों की रिपोर्ट में बताया है कि हादसे से जुड़े 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए। इनमें प्रभावित परिवारों के अलावा जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट और भगदड़ के दिन ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के बयान शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, सत्संग में 2 लाख लोग थे, जबकि अनुमति 80,000 लोगों के आने की थी। जांच टीम में आगरा जोन के अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं।

SIT ने भीड़ को बताया भगदड़ का कारण

SIT ने अपनी रिपोर्ट में मुख्य रूप से क्षमता से अधिक भीड़ को भगदड़ का कारण बताया है। इसके अलावा यह भी कहा है कि मौके पर मौजूद अधिकारियों ने भीड़ की अनदेखी की। हालांकि, कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि SIT के अनुसार सूरज पाल सिंह उर्फ भाले बाबा सहित उनके सहयोगियों सत्संग के दौरान घटी इस त्रासदी को रोक सकते थे, लेकिन कोई ठोक कदम नहीं उठाए गए थे।

SIT की रिपोर्ट पर सरकार ने की कार्रवाई

SIT की रिपोर्ट आते ही सरकार ने भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई की कैंची चला दी है। सरकार ने उपखंड अधिकारी (SDO) और पुलिस उपाधीक्षक (CO) और तहसीलदार सहित 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सरकार ने माना है कि इन अधिकारियों ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और मौका स्थिति के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को वास्तविक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। इसी तरह न्यायिक आयोग भी कार्यवाही शुरू कर चुका है।

मुख्य आरोपी समेत 7 लोगों की हुई है गिरफ्तारी

भगदड़ मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी की है, जिसमें मुख्य सेवादार और आरोपी देवप्रकाश मधुकर शामिल है। आरोप है कि इन सभी पर सत्संग के आयोजन और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह पूरी नहीं कर पाए।

हादसे में गई है 123 लोगों की जान

2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई थी। बताया जाता है कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े। इस दौरान आयोजकों की लापरवाही से भगदड़ मची और कुचलने से 123 लोगों की मौत हो गई। घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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