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Supreme Court News: पति-पत्नी के बीच अनोखा तलाक: पत्नी ने नहीं रखी कोई शर्त, सुप्रीम कोर्ट ने सराहना करते हुए कहा- वाकई यह तो दुर्लभ समझौता है

Supreme Court News: पति-पत्नी के बीच वैवाहिक संबंध को खत्म करने और तलाक की मंजूरी के लिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट जब यह बताया गया कि तलाक के इस मुकदमे में पत्नी की ओर से कोई भी शर्त नहीं रखी गई है। अधिवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे पहले इस तरह का अनोखा तलाक का मामला नहीं आया है। दुर्लभ समझौता है।

Supreme Court News: पति-पत्नी के बीच अनोखा तलाक: पत्नी ने नहीं रखी कोई शर्त,    सुप्रीम कोर्ट ने सराहना करते हुए कहा- वाकई यह तो दुर्लभ समझौता है
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By Radhakishan Sharma

Pati Patni Ke Bich anokha talaq: दिल्ली। पति-पत्नी के बीच वैवाहिक संबंध को खत्म करने और तलाक की मंजूरी के लिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट जब यह बताया गया कि तलाक के इस मुकदमे में पत्नी की ओर से कोई भी शर्त नहीं रखी गई है। अधिवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे पहले इस तरह का अनोखा तलाक का मामला नहीं आया है। दुर्लभ समझौता है। बिना किसी मुआवजा के हुए तलाक समझौते की सुप्रीम कोर्ट ने सराहना की है।

आमतौर पर परिवार न्यायालय से लेकर ऊपरी अदालतों में तलाक के मामले में मुआवजा सबसे बड़ा मुद्दा रहता है। भरण पोषण के रूप में रकम की मांग की जाती है। मुआवजा देने की शर्त पर ही तलाक की डिक्री की मंजूरी मिलती है। सुप्रीम कोर्ट में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसमें पत्नी की ओर से मुआवजा की मांग ही नहीं की गई है। आपसी सहमति से अलग हो रहे जोड़े में से पत्नी ने पति से भरण पोषण के संबंध में किसी भी तरह की कोई मांग अपनी तरफ से नहीं रखी है।

महिला ने शादी में सास की ओर से मिले सोने के कंगन को भी लौटा दी है। महिला के अधिवक्ता ने जब इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी तो कोर्ट ने सराहना करते हुए कहा कि तलाक को लेकर यह दुर्लभ समझौता है। तलाक को लेकर दायर याचिका की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महिला के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि महिला की तरफ से गुजारा भत्ता या फिर पैसे की कोई मांग नहीं की गई है।

अधिवक्ता ने बताया कि सिर्फ कंगन ही उनकी तरफ से लौटाना बाकी है। डिवीजन बेंच को लगा कि महिला स्त्रीधन की वापसी चाह रही है। तब अधिवक्ता ने कहा कि इस बात की भी मांग उनकी तरफ से नहीं है,बल्कि विवाह के बाद जब वह ससुराल गई तब उनकी सास ने उनको सोने का कंगन दी थी। जिसे लौटाना बाकी है,इसे भी आज वह वापस कर रही है। डिवीजन बेंच ने इस तरह के समझौते की सराहना करते हुए कहा कि यह वाकई दुर्लभ समझौता है।

तलाक की मंजूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि यह उन दुर्लभ समझौतों में से एक है, जो हमने देखे हैं, जहां कुछ भी नहीं मांगा गया है और ना ही तलाक के लिए कोई शर्त रखी गई है। इसके विपरीत, पत्नी ने सोने के कंगन लौटा दिए, जो उसे शादी के समय तोहफ़े में मिले थे। हमें बताया गया कि ये कंगन पति की मां की है। हम इस तरह के अच्छे काम की सराहना करते हैं, जो आजकल बहुत कम देखने को मिलता है।

वीसी के जरिए जुड़ी पत्नी,खुशहाल जिंदगी जीने का दिया आर्शीवाद

जब पत्नी वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए जुड़ी तो कोर्ट ने उससे कहा: "हमने देखा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां किसी चीज़ का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। हम सराहना करते हैं। अतीत को भूल जाओ और खुशहाल ज़िंदगी जियो।

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