Supreme Court News: EVM की दोबारा गिनती में पलट गया चुनाव परिणाम, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में कराई दोबारा गिनती, 51 वोट से जीता पराजित प्रत्याशी
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव परिणाम को पलट दिया है। अपनी निगरानी में EVM के वोटों की गिनती कराई। वोटों की गिनती के बाद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पीठासीन अधिकारी ने जिस उम्मीदवार को विजयी घोषित किया था, पराजित उम्मीदवार को उससे 51 वोट अधिक मिले थे। वोटों की गिनती के बाद सुप्रीम कोर्ट चुनाव परिणाम को पलट दिया है।

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Supreme Court News: दिल्ली। चुनाव परिणाम को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक ग्राम पंचायत के चुनाव परिणाम को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने EVM को अपने पास मंगाया और रजिस्ट्रार की देखरेख में वोटों की गिनती कराई। वोटों की गिनती के दौरान जो मामला सामने आया उसे देखकर कोर्ट भी हैरान रह गया। पीठासीन अधिकारी ने जिस प्रत्याशी को सरपंच पद के लिए विजयी घोषित किया था,दरअसल वह पहले ही दिन से हार गया था। ईवीएम के वोटों की गिनती के बाद यह बात सामने आई। पराजित उम्मीदवार को उससे 51 वोट अधिक मिले थे। वोटों की गिनती के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव परिणाम को पलट दिया है और विजयी प्रत्याशी को कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश जारी किया है।
मामला हरियाणा के एक ग्राम पंचायत चुनाव का है। सुप्रीम कोर्ट ने पानीपत के उपायुक्त-सह-निर्वाचन को दो दिनों के भीतर पराजित उम्मीदवार को ग्राम पंचायत का सरपंच निर्वाचित करने के संबगंध में अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता विजयी उम्मीदवार तत्काल पद ग्रहण करने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का हकदार होगा।
तीन सदस्यीय पीठ का महत्वपूर्ण फैसला-
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, स न्यायालय के OSD रजिस्ट्रार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टया संदेह करने का कोई कारण नहीं है, खासकर तब जब वोटों की गिनती के दौरान पूरे समय की विधिवत वीडियोग्राफी की गई हो और उसके परिणाम पर दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हों। पीठ ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ता 22 नवंबर 2022 को हुए चुनाव में हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखू गांव की ग्राम पंचायत का निर्वाचित सरपंच घोषित किए जाने का हकदार है।
हाई कोर्ट के फैसले पर तल्खी-
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि पीठासीन अधिकारी द्वारा पूर्व में विजयी घोषित किए गए प्रत्याशी को इस मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सकता। पूरी गड़बड़ी एक बूथ पर हुई। पीठासीन अधिकारी द्वारा ही यह गड़बड़ी की गई है। इस तरह के मामलों में विवाद की स्थिति निर्मित होने पर एक ही उपाय है,दोबारा वोटों की गिनती करा दें। हाई कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती से इंकार करते हुए 15 पेज का फैसला सुना दिया है।
यह है मामला-
हरियाणा के पानीपत में वर्ष 2022 में ग्राम पंचायत के सरपंच चुनाव से संबंधित है। मतदान के बाद वोटों की गिनती की गई और कुलदीप सिंह को रिटर्निंग अधिकारी ने निर्वाचित घोषित कर दिया। उसी दिन रिटर्निंग अधिकारी ने एक बूथ के वोटों की दोबारा गिनती कराई, इसके बाद याचिकाकर्ता मोहित कुमार को निर्वाचित घोषित कर दिया। रिटर्निंग अफसर के फैसले को चुनौती देते हुए कुलदीप सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी के दूसरे मर्तबे दिए गए फैसले को रद्द करते हुए कहा कि एक बार चुनाव परिणाम की घोषणा करने के बाद पुनगर्णना के द्वारा खुद ही परिणाम को नहीं बदल सकते। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए मोहित कुमार ने चुनाव याचिका दायर की।
