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सुप्रीम कोर्ट में जूता कांड! 71 साल के वकील ने CJI पर फेंका जूता, देशभर में मचा हड़कंप..जानिये क्या है पूरा विवाद?

बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अचानक से अफरातफरी मच गई। जब यहां एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की...

सुप्रीम कोर्ट में जूता कांड! 71 साल के वकील ने CJI पर फेंका जूता, देशभर में मचा हड़कंप..जानिये क्या है पूरा विवाद?
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SUPREME COURT NEWS

By Ashish Kumar Goswami

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। अदालत की कार्यवाही के दौरान एक बुजुर्ग वकील ने देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। यह घटना सुबह के सत्र में हुई जब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। 71 साल के वकील राकेश किशोर ने अचानक से जूता निकालकर सीजेआई की तरफ फेंकने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और उन्हें कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। वहीं, अब यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

सीजेआई ने दिखाई संयम

सीजेआई बीआर गवई ने मामले को तूल न देने की सलाह दी। उन्होंने अदालत के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों से कहा कि, आरोपी को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए। घटना के तुरंत बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्हें भारत की किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या प्राधिकरण में पेश होने या वकालत करने से रोक दिया गया है। साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

जानिये कौन हैं राकेश किशोर?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राकेश किशोर का जन्म 10 सितंबर 1954 को हुआ था और उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर नामांकन कराया। वो मयूर विहार फेज 1 में रहते हैं और पिछले 6 सालों से अपनी सोसाइटी के अध्यक्ष हैं, जहां अब तक कोई चुनाव नहीं हुआ है। सोसाइटी के कुछ लोगों ने बताया कि, राकेश के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें की गई हैं, जिनमें एक शिकायत नवंबर 2021 में एक बुजुर्ग पर कथित हमले को लेकर थी। हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि, उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज नहीं है।

पुलिस की पूछताछ और कार्रवाई

पुलिस ने राकेश किशोर से सुप्रीम कोर्ट में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनके पास से एक नोट मिला जिसमें लिखा था, “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।” पूछताछ में राकेश ने बताया कि, वो मध्यप्रदेश के खजुराहो मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को फिर से स्थापित करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई की कही गई बातों से नाराज थे। इसी गुस्से में उन्होंने जूता फेंकने की कोशिश की थी। फिलहाल इस खबर पर लगातार अपडेट्स जारी है। अब देखना यह है कि, आगे इस मामले में क्या कानूनी कार्रवाई होती है।

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