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Supreme Court News: खनन को लेकर सुप्रीम का आदेश: नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण्यों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर लगाई रोक, आदेश को देशभर में लागू करने दिया निर्देश

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण्यों व आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को देशभर में लागू करने का निर्देश दिया है।

Supreme Court News: खनन को लेकर सुप्रीम का आदेश: नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण्यों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर लगाई रोक, आदेश को देशभर में लागू करने दिया निर्देश
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By Radhakishan Sharma

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण्यों व आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को देशभर में लागू करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने गोवा फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए गोवा के संबंध में खनन पर ऐसा प्रतिबंध लगाया है। पर्यावरण की चिंता करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को देशभर में लागू करने की बात कही है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रतिबंध को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस अदालत का लगातार यह मानना रहा है कि संरक्षित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियां वन्यजीवों के लिए खतरनाक होंगी। यद्यपि गोवा फाउंडेशन के मामले में उक्त निर्देश गोवा राज्य के संबंध में जारी किए गए। कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि फिर भी हमारा मानना ​​है कि ऐसे निर्देश अखिल भारतीय स्तर पर जारी किए जाने चाहिए। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर और ऐसे राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य से एक किलोमीटर के दायरे में खनन की अनुमति नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में 3 जून, 2022 को जारी अपने पहले के निर्देश में संशोधन किया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया CJI बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की डिवीजन बेंच ने झारखंड के सारंडा क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने संबंधी आवेदनों पर विचार करते हुए टीएन गोदावर्मन थिरुमलपाद मामले में यह निर्देश दिया।

खंडपीठ ने झारखंड राज्य को इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने यह भी निर्देश दिया कि वन अधिकार अधिनियम के अनुसार इस क्षेत्र के न्यायाधिकरणों और वनवासियों के अधिकारों की रक्षा की जाए। खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, इस क्षेत्र के सभी स्कूल, रेल लाइनें, औषधालय संरक्षित रहेंगे। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की खनन गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।

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