Supreme Court News: ड्रग तस्करी के आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले में दखल से किया इनकार
Supreme Court News: NDPS Act के एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके तहत जमानत देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस मामले के आरोपी को कभी अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है। यह एक गंभीर मुद्दा है।

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Supreme Court News: दिल्ली। अग्रिम जमानत की मांग करते हुए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के मामले में अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है। हाई कोर्ट ने नारटोक्टिस ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 NDPS Act के तहत दर्ज एफआईआर के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को लेकर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के साथ ही नियमित जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है। जिसे विधि सम्मत गुण दोष के आधार पर निपटारा किया जाएगा। अभियोजन पक्ष में न्यायालय को बताया कि पूछताछ में सह आरोपी ने पुलिस को दिए बयान में याचिकाकर्ता के नाम का खुलासा किया है। जिसके कब्जे से 60 किलोग्राम डोडा पोस्त और 1 किलोग्राम 800 ग्राम अफीम की जब्ती बनाई गई है।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी जानकारी दी कि सह आरोपी ने याचिकाकर्ता को प्रतिबंधात्मक पदार्थ का सप्लायर भी बताया है। अभियोजन पक्ष में कोर्ट को इस बात की जानकारी देने के साथ ही याचिकाकर्ता द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन का विरोध करते हुए जमानत ना देने की मांग की थी। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि प्रतिबंधित पदार्थ वाणिज्यिक मात्रा में आता है, जो NDPS Act की धारा 37 के अंतर्गत आता है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और आपूर्ति को लेकर याचिकाकर्ता को कस्टडी में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। गहन पूछताछ से अहम सुराग मिलने की संभावना है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि उसे झूठा फंसाया जा रहा है। ना तो वह मादक पदार्थ का सप्लायर है और ना ही किसी गिरोह का हिस्सा।
सबूत के आधार पर हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका-
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता को सह आरोपी ने मादक पदार्थों का सप्लायर बताया है। याचिकाकर्ता और सह आरोपी के बीच मोबाइल से लगातार बातचीत भी हुई है। इसका आडियो रिकार्डिंग भी पेश की गई है। इसके अलावा याचिकाकर्ता और सह आरोपी के बीच बैंक के जरिए भी लेनदेन होने का पुख्ता सबूत मिला है। सबूतों के आधार पर हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी-
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने कहा कि NDPS एक्ट के मामले में अग्रिम जमानत देना गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस बात पर विचार करे कि आरोपी को दी गई अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करने के लिए कोर्ट में आवेदन देने पर विचार करे
