Supreme Court News: हाई कोर्ट के जज भी सुप्रीम कोर्ट के बराबर, जजों के अपमान पर सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा- जज से बिना शर्त मांगे माफी
Supreme Court News: हाई काेर्ट जज के खिलाफ ट्रांसफर याचिका में अपमानजनक आरोप लगाने वाले वकीलों को जज से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा, हाई कोर्ट जज सुप्रीम कोर्ट जजों से कमतर नहीं है।

Supreme Court News
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के जज सुप्रीम कोर्ट जजों से कमतर नहीं हैं। उन्हें समान संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट न्यायिक रूप से हाई कोर्ट के निर्णयों को पलट या संशोधित कर सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट का हाई कोर्ट पर प्रशासनिक नियंत्रण है। बेंच ने यह टिप्पणी तेलंगाना हाई कोर्ट जज के खिलाफ ट्रांसफर याचिका की सुनवाई करते हुए जज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले वकीलों को जज से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है।
बता दें कि बेंच की यह टिप्पणी बीते सप्ताह की एक घटना से भी ताल्लुक रखता है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गलत आदेश पारित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज को आपराधिक क्षेत्राधिकार से हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि बाद में सीजेआई के अनुरोध पर बेंच ने उस आदेश को वापस ले लिया था। सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा, हाई कोर्ट जज भी संवैधानिक पदाधिकारी हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट जजों के समान ही छूट प्राप्त है।
संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, हाई कोर्ट जज किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट जजों से कमतर नहीं हैं। बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि, सुप्रीम कोर्ट जज हाई कोर्ट जजों के निर्णय को पलट सकते हैं, उसकी पुष्टि कर सकते हैं या उसमें संशोधन कर सकते हैं, लेकिन उनका हाई कोर्ट के प्रशासन या हाई कोर्ट जजों पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है। वकीलों को हाई कोर्ट जज से माफ़ी मांगने का निर्देश देते हुए बेंच ने कहा कि जजों के विरुद्ध ऐसे निंदनीय आरोप लगाए गए, इसलिए हाई कोर्ट जजों की रक्षा करना इस न्यायालय का कर्तव्य बनता है।
