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Supreme Court Decision For Dogs : कहा - पकड़े गए आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ दिया जाए... करीब 8 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते, नसबंदी में 2400 करोड़ रुपये खर्च, क्या इतना आसान है

Supreme Court Decision For Dogs : न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारैया की पीठ ने कहा कि डॉग शेल्टर्स से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने वाले 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा।

Supreme Court Decision For Dogs : कहा - पकड़े गए आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ दिया जाए... करीब 8 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते, नसबंदी में 2400 करोड़ रुपये खर्च, क्या इतना आसान है
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By Meenu Tiwari

Supreme Court Decision For Dogs : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर के डॉग को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के डॉग शेल्टर्स से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने वाले अपने 11 अगस्त के निर्देश में संशोधन कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी जगह पर छोड़ दिया जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने साफ किया कि कुत्तों को छोड़े जाने वाला आदेश रेबीज से संक्रमित या रेबीज से संक्रमित होने की आशंका वाले या फिर आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों पर लागू नहीं होगा।


न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारैया की पीठ ने कहा कि डॉग शेल्टर्स से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने वाले 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। पीठ ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे विशेष भोजन क्षेत्र बनाएं, जहां लोग आवारा कुत्तों को खाना खिला सकें। पीठ ने कहा कि नगर निकायों की ओर से विशेष नगरपालिका वार्ड में आवारा कुत्तों की आबादी और सघनता को ध्यान में रखते हुए भोजन क्षेत्र बनाए जाएंगे। पीठ ने साफ किया कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी।


आवारा कुत्तों को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला जरूर डॉग लवर्स और डॉग हेटर्स दोनों की भावनाओं को समेटकर आया है, लेकिन इस फैसले पर अमल कर पाना इतना भी आसान नहीं है. स्ट्रे डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण करने के इस फैसले को लागू करने में ही खजाने खाली हो जाएंगे. बेहद दिलचस्प है कि एक अनुमान के मुताबिक पूरे दिल्ली एनसीआर में करीब 8 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं. ऐसे में अगर इन कुत्तों की नसबंदी में खर्च होने वाले सबसे न्यूनतम मूल्य का भी अनुमान लगाया जाए तो यह करीब 2400 करोड़ रुपये के आसपास बैठ रहा है.


कुत्तों को गोद लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं पशु प्रेमी

पीठ ने कहा कि निर्धारित भोजन क्षेत्रों के पास नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे, जिनमें साफ लिखा होगा कि आवारा कुत्तों को केवल उन्हीं क्षेत्रों में खाना खिलाया जाएगा। पीठ ने कहा कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ संबंधित कानूनी ढांचे के तहत कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि किसी लोक सेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोका जाता है, तो वह इसके लिए उत्तरदायी होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पशु प्रेमी कुत्तों को गोद लेने के लिए एमसीडी के सामने आवेदन कर सकते हैं।


पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?

इससे पहले शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से खासकर बच्चों में रेबीज होने की एक मीडिया रिपोर्ट पर 28 जुलाई को शुरू किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले में अपना आदेश सुनाया था। सर्वोच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने 11 अगस्त को कई निर्देश पारित किए थे, जिनमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ना शुरू करने और उन्हें आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था।


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