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Live In relationship: तीन बार होटल में गई, फिर रेप का आरोप लगाया! अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया चौंकाने वाला फैसला

Live In relationship: सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार से जुड़े एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि शादी का वादा टूटना अपने आप में रेप का आधार नहीं बन सकता।

Live In relationship: तीन बार होटल में गई, फिर रेप का आरोप लगाया! अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया चौंकाने वाला फैसला
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By Ragib Asim

Live In relationship: सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार से जुड़े एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि शादी का वादा टूटना अपने आप में रेप का आधार नहीं बन सकता। इस केस में एक महिला ने अपने साथी पर शादी का झूठा वादा कर जबरन यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज रेप केस को खारिज कर दिया। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि महिला की सहमति से बने संबंधों को जबरदस्ती का नहीं माना जा सकता।

क्या था पूरा मामला?

महिला ने दावा किया था कि आरोपी ने शादी का वादा कर तीन बार उसके साथ होटल में यौन संबंध बनाए। उसका कहना था कि पहली घटना के बाद आरोपी ने शादी का भरोसा दिया, लेकिन बाद में मुकर गया। इसके बाद भी वह दो बार आरोपी के साथ होटल गई, लेकिन हर बार जबरदस्ती होने का आरोप लगाया। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने IPC की धारा 376 (रेप) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पीड़िता के बयानों का गहराई से विश्लेषण किया। कोर्ट ने कहा, "पीड़िता तीन बार अपनी मर्जी से आरोपी के साथ होटल गई। उसने स्वीकार किया कि दोनों रिलेशनशिप में थे। यह साबित नहीं होता कि सहमति देने के वक्त कोई धोखा था।" कोर्ट ने आगे कहा कि पीड़िता ने हर घटना के बाद मानसिक तनाव की बात कही, लेकिन फिर भी वह आरोपी के साथ गई। यह उसके जबरदस्ती के दावे से मेल नहीं खाता।

कोर्ट ने अपने फैसले में पृथ्वीराज बनाम राज्य केस का हवाला दिया। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि रेप का आरोप तभी सही माना जाएगा, जब यह साबित हो कि शादी का वादा सिर्फ यौन संबंध बनाने के लिए किया गया और शुरू से ही उसे पूरा करने का इरादा नहीं था। साथ ही, महिला ने उस वादे के प्रभाव में आकर सहमति दी हो। इस केस में ये दोनों शर्तें पूरी नहीं हुईं।

कोर्ट की अहम टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "पुलिस को दिए बयानों और FIR को देखने से लगता है कि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। पीड़िता का बार-बार होटल जाना और रिलेशनशिप की बात स्वीकार करना जबरदस्ती के आरोपों को कमजोर करता है।" कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि हर बार शादी का वादा टूटना रेप नहीं कहलाता। यह साबित करना जरूरी है कि वादा शुरू से ही झूठा था।

क्या है कानूनी मायना?

इस फैसले से साफ है कि सुप्रीम कोर्ट सहमति और जबरदस्ती के बीच साफ रेखा खींच रहा है। कानूनी जानकारों का कहना है कि ये फैसला रेप के आरोपों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा। साथ ही, कोर्ट ने ये भी सुनिश्चित किया कि पीड़ितों के हक को नजरअंदाज न किया जाए, लेकिन सबूतों के आधार पर ही फैसला हो।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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