Death Penalty : मौत की सजा पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट करे : पीएमके चीफ
Death Penalty : पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक नेता डॉ. एस रामदास ने गुरुवार को मांग की कि केंद्र दया याचिका के संबंध में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन के प्रस्ताव को वापस ले...

Death Penalty
Death Penalty : पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक नेता डॉ. एस रामदास ने गुरुवार को मांग की कि केंद्र दया याचिका के संबंध में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन के प्रस्ताव को वापस ले।
रामदास ने गुरुवार को बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) में संशोधन किया गया है। इससे ग़लती से दोषी ठहराए गए और जीवन में सुधार की इच्छा रखने वाले दोषियों का अधिकार छीन जाएगा।
पीएमके नेता ने यह भी कहा कि ऐसे उदाहरण हो सकते हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा रद्द कर दी हो और नया संशोधन, उस अवसर को छीन लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति न केवल दया याचिकाओं पर फैसले में देरी करेंगे और कभी-कभी यह फैसला राजनीति से प्रेरित भी हो सकता है।
डॉ. रामदास ने यह भी कहा कि दुनिया के 150 देशों में मृत्युदंड समाप्त कर दिया गया है और वह चाहते हैं कि भारत भी मृत्युदंड समाप्त कर दे। वरिष्ठ नेता ने कहा, सीआरपीसी में संशोधन करने और मौत की सजा का अधिकार राष्ट्रपति को देने का सरकार का फैसला देश को पीछे ले जाएगा।
उन्होंने केंद्र सरकार से मौत की याचिका के संबंध में सीआरपीसी में संशोधन करने के फैसले को छोड़ने का आह्वान किया और चाहते हैं कि मौत की सजा पर अंतिम निर्णय की शक्ति सुप्रीम कोर्ट के पास रहे।
