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Supreme Court Shock: CJI बी. आर. गवई पर वकील ने फेंका जूता! कोर्ट में हंगामा! आरोपी हिरासत में, मामला जान कर उड़ जायेंगे होश!
Supreme Court Shock: सुनवाई के दौरान वकील ने की बदसलूकी, CJI शांत रहे; पुलिस ने तुरंत की गिरफ्तारी

Supreme Court Shock: नई दिल्ली | NPG News: देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) में सोमवार को एक हैरान करने वाली घटना हुई। मुख्य न्यायाधीश सीजेआई बी. आर. गवई (CJI B.R. Gavai) की कोर्ट में एक वकील ने हंगामा करते हुए उन पर जूता फेंकने की कोशिश (Attempt to Throw Shoe on CJI B.R. Gavai) की।
इस घटना से अदालत में कुछ पल के लिए अफरा-तफरी मच गई, लेकिन CJI गवई ने पूरी शांति से स्थिति संभाली और सुनवाई जारी रखी। सुरक्षा कर्मियों ने आरोपी वकील को तुरंत पकड़ लिया और हिरासत (Custody) में ले लिया।
हंगमे के दौरान CJI पूरी तरह शांत रहे
घटना सोमवार सुबह की सुनवाई के दौरान हुई जब आरोपी वकील डायस (Judge’s Dais) के पास पहुंच गया। वह अचानक चिल्लाने लगा और जूता निकालकर फेंकने की कोशिश (Shoe Throw Attempt) की। हालांकि, कोर्ट में मौजूद सुरक्षा कर्मियों (Security Personnel) ने फुर्ती दिखाते हुए वकील को तुरंत रोक लिया।
वह लगातार चिल्लाता रहा “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे! (Won’t Tolerate Insult to Sanatan) कोर्ट स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को काबू में लेकर बाहर ले गए, जबकि CJI गवई ने बिना रुके कार्यवाही को आगे बढ़ाया।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, आरोपी वकील की पहचान राकेश किशोर (Advocate Rakesh Kishore) के रूप में हुई है। घटना के बाद उसे सुप्रीम की कोर्ट सिक्योरिटी विंग ने हिरासत में लिया और दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। फिलहाल, आरोपी से पूछताछ चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने यह कदम क्यों उठाया और इसके पीछे कोई संगठन या समूह (Organization/Group) तो नहीं है।
CJI गवई ने नहीं रुकवाई सुनवाई
इस घटना के बावजूद, CJI बी. आर. गवई ने कोर्ट की कार्यवाही नहीं रोकी। उन्होंने बाक़ी मामलों की सुनवाई पूरी की और सभी वकीलों से संयम बनाए रखने की अपील की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा यह केवल अदालत नहीं, न्याय व्यवस्था (Judiciary) पर हमला है। हम ऐसे किसी व्यवहार को सहन नहीं करेंगे।
Supreme Court में सुरक्षा व्यवस्था होगी सख्त
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट सिक्योरिटी टीम (Security Wing) को अलर्ट कर दिया गया है। अब कोर्ट परिसर में आने वाले सभी वकीलों और कर्मचारियों की कड़ी जांच (Strict Screening) की जाएगी। अदालतों में पहले से ही मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने पर सीमित नियम लागू हैं, जिन्हें अब और सख्त किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट देश की संविधानिक प्रतिष्ठा (Constitutional Authority) का केंद्र है। ऐसी घटनाएँ न केवल न्यायपालिका (Judiciary) की गरिमा को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों (Democratic Values) पर भी सवाल खड़े करती हैं।
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