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Sukhbir Singh Badal Attacked: सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर में हुआ हमला, हमलावर ने चलाई गोली, देखिये कैसे हुआ हमला?

Sukhbir Singh Badal Attacked: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमला हुआ है। इस हमले का वीडियो भी सामने आया है। सुखबीर बादल पर अमृतसर मंदिर में गेट के बाहर फायरिंग की गई।

Sukhbir Singh Badal Attacked: सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर में हुआ हमला, हमलावर ने चलाई गोली, देखिये कैसे हुआ हमला?
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By Ragib Asim

Sukhbir Singh Badal Attacked: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार, 4 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर में हमला हुआ। इस घटना में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के बाहर एक व्हीलचेयर पर बैठे थे, जब एक व्यक्ति ने उन पर गोली चलाने की कोशिश की। हमलावर ने अपनी जेब से पिस्तौल निकालकर सुखबीर की ओर निशाना साधा, लेकिन ऐन मौके पर बादल के एक समर्थक ने उसे धक्का देकर निशाना चूकवा दिया। इसके बाद अन्य समर्थकों ने हमलावर को दबोच लिया। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है।

इससे पहले, सुखबीर सिंह बादल को सिख धर्मगुरुओं ने ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) करार दिया था। उनके शासनकाल के दौरान 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के फैसले को लेकर अकाल तख्त ने यह सजा सुनाई थी। सोमवार को, सुखबीर बादल ने सेवादार के रूप में स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवा की। एक पैर टूटने के कारण व्हीलचेयर पर बैठे बादल ने स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर ड्यूटी निभाई। उनके साथ अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी 'सेवा' की।

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने अन्य वरिष्ठ अकाली नेताओं को भी सेवा करने का निर्देश दिया था। इनमें सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा, और गुलजार सिंह रणिके शामिल थे। उन्हें स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ करने, सामुदायिक रसोई में बर्तन धोने, और एक घंटे तक कीर्तन सुनने का निर्देश दिया गया।

क्या है ईशनिंदा मामला?

साल 2007 में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने का फैसला विवादों में आ गया था। सिख समुदाय ने इसे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया था। इसी मुद्दे पर अकाली नेताओं को अकाल तख्त ने सजा सुनाई। सुखबीर सिंह बादल पर हमले और अकाल तख्त के फैसले के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है। इस घटना ने अकाली दल और उनके विरोधियों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

जानिए कौन है नारायण सिंह?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का आतंकवादी रहा है। नारायण चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था। आतंकवाद के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मदद करता था। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वो बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है। वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था। उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। नारायण सिंह चौरा चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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