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SIR : बिहार के बाद अब 12 राज्यों में SIR का ऐलान, ये डाक्यूमेंट्स होंगे जरूरी, EC ने बदले नियम

SIR : आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल किया गया है।

SIR : बिहार के बाद अब 12 राज्यों में SIR का ऐलान, ये डाक्यूमेंट्स होंगे जरूरी, EC ने बदले नियम
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By Meenu Tiwari

SIR : बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का ऐलान किया था। बिहार में SIR के बाद चुनाव आयोग ने इस पूरी प्रक्रिया में ही कई बदलाव कर दिए हैं। अब वोटर से डाक्यूमेंट एकत्र नहीं किए जाएंगे, यह निर्णय बिहार के अनुभव पर आधारित है। आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल किया गया है।

बिहार में हुए SIR के नियमों से अलग, चुनाव आयोग (EC) ने अब पूरे देश में SIR प्रक्रिया के दौरान वोटर्स से दस्तावेज जमा करने की जरूरत खत्म कर दी है। एन्यूमरेशन (मतदाता सूची बनाने) के चरण में अब किसी भी वोटर से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। जो वोटर पिछले SIR से लिंक नहीं हो पाए हैं, उन्हें इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) की ओर से एक नोटिस भेजा जाएगा, ताकि उनकी पात्रता की जांच संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत की जा सके। ऐसे वोटरों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नागरिकता अधिनियम में बताए गए 11 दस्तावेजो में से कोई एक जमा करना होगा। ये दस्तावेज वही हैं जो बिहार SIR में मांगे गए थे।




आधार कार्ड को केवल पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा


  • चुनाव आयोग के 9 सितंबर के निर्देशों के अनुसार, आधार कार्ड को केवल पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा, नागरिकता के सबूत के रूप में नहीं। इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) वोटर द्वारा दिए गए किसी भी वैकल्पिक दस्तावेज़ को मान्य मानने के लिए स्वतंत्र होगा।
  • एन्यूमरेशन फॉर्म को भी अपडेट किया गया है ताकि 2002-04 के बाद हुए पिछले SIR से जुड़े वोटर या उनके माता-पिता/रिश्तेदार की जानकारी दर्ज की जा सके। इसमें नाम, EPIC नंबर (यदि उपलब्ध हो), रिश्तेदारी, जिला, राज्य और विधानसभा क्षेत्र जैसी जानकारी शामिल होगी।
  • जिन वोटर्स ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म वापस नहीं किए, उनके बारे में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) आसपास के लोगों से जानकारी लेकर यह दर्ज करेंगे कि व्यक्ति अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या डुप्लीकेट है।
  • ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल न किए गए लोगों की बूथ-वार सूची पंचायत, स्थानीय निकाय या BDO कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर उनके बाहर किए जाने के संभावित कारणों के साथ लगाई जाएगी। यह सूची राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी।
  • साथ ही, BLO घर-घर जाकर कम से कम 30 खाली फॉर्म-6 और घोषणा पत्र लेकर जाएंगे, ताकि जो भी नया व्यक्ति वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाना चाहे, उसे आसानी से यह सुविधा मिल सके।
  • इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करने का नोटिस प्रकाशित करेंगे, तो वे आगे की योग्यता तिथियों — 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर 2026 के लिए भी अग्रिम आवेदन आमंत्रित करेंगे।


100 से ज्यादा दिन चलेगी प्रक्रिया

पूरे भारत में होने वाला यह SIR अभ्यास 103 दिन तक चलेगा, जो बिहार SIR (98 दिन) से 5 दिन लंबा होगा। बिहार के विपरीत, इस बार नोटिस चरण, एन्यूमरेशन फॉर्म की जांच और दावे व आपत्तियों का निपटारा , ये सभी कार्य 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक एक साथ पूरे किए जाएंगे। देशभर में SIR की तैयारी — जैसे एन्यूमरेशन फॉर्म की प्रिंटिंग आदि — 28 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक एन्यूमरेशन का चरण चलेगा। पोलिंग स्टेशनों का पुनर्गठन (रैशनलाइजेशन) भी 4 दिसंबर तक कर दिया जाएगा ताकि हर स्टेशन पर अधिकतम 1,200 वोटर ही रहें।

  • ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 9 दिसंबर 2025 को जारी की जाएगी।
  • इस पर दावे और आपत्तियां 8 जनवरी 2026 तक ली जाएंगी और उनका निपटारा 31 जनवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
  • इसके बाद अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
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