Shimla of chhattisgarh, Mainpat: जहां धरती है ऐसी मानो हो " कुदरती ट्रैंपोलीन " और पानी बहता है नीचे से ऊपर
मैनपाट, छत्तीसगढ़ का अपना खुद का हिल स्टेशन, जहां आप ठिठुराने वाली ठंड को महसूस कर सकते हैं, बर्फबारी का मज़ा ले सकते हैं और धरती पर बिछा बर्फ का श्वेत कालीन भी देख सकते हैं।तभी तो इसे छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है। यही नहीं, विंध्य पर्वतमाला पर बसे मैनपाट को भारत का तिब्बत भी कहा जाता है क्योंकि चीनी आक्रमण के बाद यहां भारत सरकार ने तिब्बतियों को शरण दी थी। यहां के विख्यात बुद्ध मंदिर, खान-पान और संस्कृति में भी तिब्बती पन का अहसास होता है। हरी - भरी वादियों, पर्वत, झरनों और टेढ़े - मेढ़े रास्तों का मज़ा लेते हुए आप यहां एक से एक हैरान करने वाले प्वाइंट्स भी एक्सप्लोर कर सकते हैं जिनके बारे में आप लेख के साथ आगे बढ़ने पर जानेंगे।
समुद्रतल से लगभग 3781 फीट की ऊंचाई पर स्थित बेहद खूबसूरत मैनपाट सरगुजा जिले का एक रोमांचक स्थल है ,जहां माण्ड नदी का उद्गम भी देखा जा सकता है। शुरुआत में यहाँ यादव और स्थानीय आदिवासियों समेत कुछ ही लोग रहा करते थे, लेकिन पिछले कुछ दशकों से ये तिब्बतियों का घर भी बन गया है। तिब्बती शरणार्थियों को अपनी गोद में जगह देने वाला मैनपाट अब देश दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दलाई लामा की यात्रा के बाद, यहाँ के बौद्ध मठ की अहमियत काफी बढ़ गई है।
मैनपाट के प्रमुख आकर्षण
टाइगर प्वाइंट, पानी की गर्जना सुनिए यहां
टाइगर प्वाइंट मैनपाट का प्रमुख आकर्षण केंद्र है, यहां पर महादेव मुदा नदी झरने का निर्माण करती है। यह झरना लगभग 60 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई साल पहले इस क्षेत्र के जंगल के बाघ देखे जाते थे और वे झरने का पानी पीने भी आते थे इस वजह से इसका नाम टाइगर पॉइंट पड़ा। वहीं कुछ का कहना है कि टाइगर प्वाइंट जलप्रपात इस लिए कहा जाता है क्योकि जब झरने का पानी ऊपर से नीचे जमीन की ओर गिरता है तो यहाँ पर टाइगर की दहाड़ की ध्वनि सुनाई पड़ती है इसलिए इसे टाइगर प्वाइंट कहा जाता है। टाइगर प्वाइंट जलप्रपात जंगल के बीच में स्थित है। इसके चारों ओर बड़े – बड़े पहाड़ स्थित हैं। ये एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है जहां हर साल लाखों की संख्या में लोग घूमने आते हैं।
जलजली, जहां कूदने पर हिलती है धरती
मैनपाट के पास ही जलजली नाम का एक स्थान है। यहां लगभग तीन एकड़ ऐसी जमीन है, जो काफी नर्म है और इसपर कूदने पर ऐसा प्रतीत होता है धरती हिल रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि कभी इस स्थान पर कोई जलस्रोत मौजूद रहा होगा और बाद में यह स्थान ऊपर से सूख गया लेकिन अंदर जमीन दलदली रह गई, जिसके कारण ऐसा होता है।
वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के आंतरिक दबाव और पोर स्पेस (खाली स्थान) में सॉलिड के बजाए पानी भरे होने के कारण यह स्थान दलदली और स्पंजी लगती है। जब भी कोई व्यक्ति उस स्थान पर कूदता है तो जमीन दब जाती है और फिर वापस अपने पुराने स्वरूप में आ जाती है।
उल्टा पानी, जहां पानी बहता है ऊंचाई की तरफ
मैनपाट आने वाले सैलानियों के आकर्षण का एक कारण 'उल्टा पानी' भी है। यह एक ऐसी जगह है, जहां पानी का बहाव नीचे के बजाए ऊपर की ओर यानी ऊंचाई की तरफ है। इस स्थान पर अगर आप अपनी गाड़ी को न्यूट्रल में खड़ी करते हैं, तो अपने आप 110 मीटर तक पहाड़ी की ओर चली जाती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मैनपाट में मौजूद इस जगह में गुरुत्वाकर्षण बल से ज्यादा प्रभावी मैग्नेटिक फील्ड है, जो पानी या गाड़ी को ऊपर की तरफ खींचता है। बता दें कि भारत में ऐसी सिर्फ 5 और दुनिया भर में 64 जगह हैं।
एप्पल गार्डन मैनपाट
मैनपाट के इस गार्डन में एप्पल के पौधे देखने के लिए मिलते हैं। इसके अलावा यहां पर आलू, नाशपाती, चेरी, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, अनार आदि के पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के फूलों वाले पौधे भी यहां लगाए गए हैं। यहां पर आपको पेड़ पौधों से जुड़ी बहुत सारी जानकारी मिलती है।
फिश प्वाइंट
फिश प्वाइंट मैनपाट की एक सुंदर जगह है। यहां पर आपको दो वाटरफॉल देखने के लिए मिलते हैं। दोनों वाटरफॉल का डायरेक्शन अलग अलग है। दोनों ही वॉटरफॉल बहुत ऊंचाई से नीचे गिरते हैं और बहुत सुंदर लगते हैं। यहां विभिन्न प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। नदी यहां 80 मीटर की ऊंचाई से गिरती है।
जलपरी वाटरफॉल
जलपरी वॉटरफॉल मैनपाट का एक सुंदर सा जलप्रपात है। यह जलप्रपात छोटा है और एक कुंड पर गिरता है। ऐसा कहा जाता है कि घने जंगल के बीच स्थित इस जलप्रपात के पास पहले जलपरियां आया करती थीं। इसलिए इसका नाम जलपरी वाॅटर फाॅल पड़ा।
मेहता पॉइंट
मेहता पॉइंट मैनपाट का एक सुंदर स्थल है। यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। खासकर सूरज को डूबते हुए देखना बहुत ही अच्छा लगता है। मैनपाट मे मेहता पॉइंट में व्यूप्वाइंट बनाया गया है, जहां से पूरी वादियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर कैंपिंग भी कर सकते हैं।
परपटिया
परपटिया प्वाइंट मैनपाट से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। मैनपाट के सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक परपटिया की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता को कैमरे में कैद करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बारिश के दिनों में तो यहां धुंध से पूरा इलाका ढंका रहता है। बारिश की हल्की फुहार से अंधेरा छा जाता है। नीचे गहरी खाई होने से यह जगह इस दौरान खतरनाक महसूस होती है।
मैनपाट में कहाँ ठहरें
यहाँ ठहरे के कई ऑप्शन हैं। लेकिन यहाँ रहने के लिए सबसे मशहूर जगह टाइगर फॉल रिज़ॉर्ट है जो पहाड़ों के बीच बनी एक सुंदर जगह है। इसके अलावा सैला टूरिस्ट रिज़ॉर्ट और अन्य निजी होटल हैं।
कैसे पहुँचे मैनपाट
वायु मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डा है जो यहाँ से लगभग 380 कि.मी. की दूरी पर है। एयरपोर्ट से मैनपाट पहुँचने के लिए बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेल द्वारा: रायगढ़ मैनपाट से 178 कि.मी. दूर और अंबिकापुर यहाँ से 80 कि.मी. दूर हैं, ये दोनों मैनपाट के नज़दीकी रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क द्वारा: यहाँ रायपुर से आसानी से पहुँचा जा सकता है जो भारत के अन्य सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
बरसात और सर्दी के मौसम में प्रकृति की अनुपम छटाओं से परिपूर्ण मैनपाट को बादल ऐसे घेरे रहते हैं, जैसे अभी आकाश से धरा पर उतर आएंगे। जलजली जैसी जगहों के कारण कुछ समय पहले तक लोग इस जगह को भूतिया मानते थे। लेकिन राज्य पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रचार के कारण लोगों में जागरूकता बढ़ी है और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है।मैनपाट कार्निवल के दौरान भी आप यहां जा सकते हैं। इस उत्सव में स्कूल, कॉलेज के छात्रों, स्थानीय और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। यह उत्सव हर साल फरवरी माह के शुरुआती दिनों में आयोजित किया जाता है।