Crime News Hindi: स्कूल के टॉयलेट में खौफनाक वारदात! 9 साल के लड़के ने 8 साल की लड़की का किया रेप, कक्षा 3 में पढ़ता है आरोपी
Maharashtra Crime News Hindi: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर माता-पिता के लिए खतरे की घंटी बजा दी है है। यहाँ जिला परिषद स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के लड़के ने 8 साल की सहपाठी का स्कूल के शौचालय में यौन उत्पीड़न किया।

Maharashtra Crime News Hindi: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर माता-पिता को झकझोर कर रख दिया है। दरअसल यहाँ जिला परिषद स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के लड़के ने 8 साल की सहपाठी का स्कूल के शौचालय में यौन उत्पीड़न किया। इतना ही नहीं इस घिनौने वारदात में उसका साथ एक 9 साल की छात्रा ने दिया। पुलिस ने दोनों नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और इंटरनेट के दुष्प्रभाव पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 1 अगस्त 2025 को यवतमाल के बाबुलगांव शहर के जिला परिषद स्कूल में हुई। पीड़िता और दोनों आरोपी तीसरी कक्षा में एक साथ पढ़ते हैं। पीड़िता ने कुछ दिनों तक गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उसकी मां उसे अस्पताल ले गई। डॉक्टरों ने जांच के दौरान पीड़िता के गुप्तांगों पर चोट के निशान देखे। बच्ची ने अपनी मां को बताया कि स्कूल के शौचालय में उसके साथी छात्र ने एक अन्य लड़की की मदद से उसका यौन उत्पीड़न किया।
पीड़िता की मां ने 9 अगस्त 2025 को स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (BNS) और POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। दोनों नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस तरह की घटना के पीछे और कौन सी चीजे जिम्मेदार हो सकती हैं।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि छोटी उम्र में इंटरनेट और स्मार्टफोन का अंधाधुंध इस्तेमाल इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों के बीच पोर्नोग्राफी तक आसान पहुंच, उनके व्यवहार को गलत दिशा में ले जा रही है। मनोवैज्ञानिकों ने माता-पिता को मश्वरा दिया है कि वे अपने बच्चों के मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखें। साथ ही, एक तय उम्र तक बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखें।
यह घटना समाज के लिए एक बड़ा अलार्म है। जिस स्कूल को बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, वहां इस तरह की वारदात ने अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है।
