Satta King: सट्टा किंग या सट्टा मटका का खेल, जानिए इसके बारे में सब कुछ
Satta King: सट्टा किंग या सट्टा मटका खेल भारत में मजदूर वर्ग के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसे अक्सर लॉटरी समझ लिया जाता है, लेकिन सट्टा किंग और सट्टा मटका की अपनी एक अलग पहचान है।
Satta King: सट्टा किंग या सट्टा मटका खेल भारत में मजदूर वर्ग के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसे अक्सर लॉटरी समझ लिया जाता है, लेकिन सट्टा किंग और सट्टा मटका की अपनी एक अलग पहचान है। कई राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, पंजाब, सिक्किम में लॉटरी खेलना वैध है, लेकिन सट्टा किंग और सट्टा मटका इन नियमों के दायरे में नहीं आते।
सट्टा किंग का इतिहास
सट्टा मटका या सट्टा किंग का खेल 1950 के दशक में एक पूर्ण विकसित लॉटरी खेल के रूप में उभरा। आजकल यह ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी काफी लोकप्रिय हो चुका है। दरअसल, सट्टा किंग का मतलब है सट्टा या जुआ खेलना, जो भारत में गैरकानूनी है। 1867 के सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत भारत में जुए पर प्रतिबंध है, जिससे यह खेल कानूनी मान्यता नहीं रखता।
ऑनलाइन सट्टा का उदय
समय-समय पर कई ऐप्स सामने आए हैं, जो सट्टा खेल को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष सट्टेबाजी या जुआ - ऑफ़लाइन या ऑनलाइन - की अनुमति नहीं है। सट्टा किंग को एक लॉटरी गेम कहा जा सकता है, जिसे नियमों की अस्पष्टता के साथ खेला जाता है।
सट्टा मटका का खेल
सट्टा मटका में जुआ खेलने का खेल कई लोगों द्वारा खेला जाता है, जहां मटका (पॉट) नंबर के आधार पर खिलाड़ी अपनी बाजी लगाते हैं। यह बाजी संख्याओं का अनुमान लगाने पर आधारित होती है। इसमें विजेता को पुरस्कार राशि मिलती है।
हालांकि देश में सट्टा अवैध है, फिर भी ऑनलाइन सट्टा मटका की वैधता पर बहुत अस्पष्टता है। पहले 'अंकड़ा जुगर' के नाम से जाना जाने वाला सट्टा मटका 1950 के दशक से व्यापक रूप से लोकप्रिय है।
(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती है। सट्टा किंग में पैसे लगाना जोखिमों के अधीन है। किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ में रकम लगाने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। उपरोक्त लेख केवल जानकारी के लिए है, किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी को प्रमोट नहीं करता है।)