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Satta King, Satta King 786: "मटका किंग" रतन खत्री की कहानी, देश में जिसे कहा गया ‘मटका किंग’

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By Ragib Asim

Satta King, Satta King 786: Satta king | Satta Result | Sattaking | Satta King 786 | Satta Chart:भारत में सट्टेबाजी का नाम लेते ही "मटका" और रतन खत्री का जिक्र जरूर होता है। रतन खत्री ने सट्टेबाजी को एक नए आयाम पर पहुंचाया और इस खेल के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। हाल ही में कार्तिक आर्यन की फिल्म "चंदू चैंपियन" ने रतन खत्री के किरदार को फिर से चर्चा में ला दिया है। आइए जानते हैं उनके जीवन और मटका जुए के सफर के बारे में।

रतन खत्री का परिचय

  • जन्म: 1947, भारत-पाक विभाजन के दौरान।
  • प्रारंभिक जीवन: विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आकर मुंबई में बस गए।
  • पहली पहल: 1962 में "मटका" नामक सट्टेबाजी का प्रारंभ।

रतन खत्री ने न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज के दांव लगाने की प्रक्रिया से प्रेरणा लेकर मटका जुए का एक नया प्रारूप तैयार किया। उन्होंने इसे भारतीय बाजार में लोकप्रिय बना दिया और इसे एक मजबूत नेटवर्क के रूप में स्थापित किया।

मटका सट्टा का विकास

  • शुरुआत में कपास की कीमतों पर दांव लगाया जाता था।
  • यह प्रक्रिया न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज से प्रेरित थी।
  • बाद में उन्होंने ताश के पत्तों से नंबर चुनने की प्रक्रिया शुरू की।

कल्याणजी भगत के साथ साझेदारी

  • रतन खत्री ने शुरुआत में कल्याणजी भगत के साथ काम किया, जो वर्ली मटका के संस्थापक थे।
  • बाद में उन्होंने खुद का "रतन मटका" शुरू किया, जो बेहद लोकप्रिय हुआ।

संघर्ष और सफलता

  • रतन खत्री का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा।
  • 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें 19 महीने की जेल हुई।
  • इसके बावजूद, 1990 के दशक तक वे सट्टेबाजी के क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति बने रहे।
  • 2020 में उनके निधन के साथ, उन्होंने एक ऐसी विरासत छोड़ी जो आज भी चर्चा में है।

मटका सट्टा की प्रक्रिया

  • शुरुआत में कपास की कीमतें: कपास की कीमतों पर दांव लगाकर इस खेल की शुरुआत की गई थी।
  • ताश के पत्तों से नंबर चुनना: बाद में ताश के पत्तों की प्रक्रिया शुरू हुई, जिससे यह खेल और भी रोचक और लोकप्रिय हो गया।
  • नंबर चुनने की प्रक्रिया: ताश के पत्तों से नंबर निकालकर दांव लगाने का यह नया तरीका लोगों को बहुत भाया।

रतन खत्री की विरासत

  • रतन खत्री का नाम सट्टेबाजी की दुनिया में साहस और नई सोच का प्रतीक है।
  • उन्होंने सट्टेबाजी को नए तरीके से परिभाषित किया, जिससे यह खेल उस दौर में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना।
  • हालांकि, यह क्षेत्र हमेशा विवादों और कानूनी परेशानियों में घिरा रहा।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। हम सट्टा या जुआ खेलने को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। यह अवैध गतिविधि है और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक हानि या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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