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Satta King: मटका किंग रतन खत्री की सनसनीखेज कहानी, जिसने भारत में जुए का खेल बदल डाला!

Satta King: भारत में सट्टेबाजी की दुनिया में अगर किसी एक नाम को सबसे ज्यादा याद किया जाता है, तो वह है रतन खत्री। लोग उन्हें प्यार से “मटका किंग” कहते थे।

Satta King: मटका किंग रतन खत्री की सनसनीखेज कहानी, जिसने भारत में जुए का खेल बदल डाला!
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By Ragib Asim

Satta King: भारत में सट्टेबाजी की दुनिया में अगर किसी एक नाम को सबसे ज्यादा याद किया जाता है, तो वह है रतन खत्री। लोग उन्हें प्यार से “मटका किंग” कहते थे। उनकी कहानी किसी फिल्मी प्लॉट से कम नहीं है संघर्ष, सत्ता, पैसा और विवाद सब कुछ इसमें शामिल है।

रतन खत्री का जन्म

रतन खत्री का जन्म भारत-पाक विभाजन के समय 1947 में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया। मुंबई पहुंचने के बाद उन्होंने 1962 में एक नया जुए का प्रारूप शुरू किया, जिसे “मटका” कहा गया। शुरुआत में इस खेल में न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज की कीमतों पर दांव लगाया जाता था, लेकिन बाद में रतन खत्री ने इसे भारतीय अंदाज़ में ढाल दिया।

कल्याणजी भगत से हाथ मिलाया

रतन खत्री ने अपने करियर की शुरुआत वर्ली मटका के संस्थापक कल्याणजी भगत के साथ की। लेकिन ज्यादा समय तक वह उनके साथ नहीं रहे। उन्होंने अपना अलग रास्ता चुना और शुरू किया “रतन मटका”, जिसने उन्हें पूरे देश में “मटका किंग” बना दिया।

1960 के दशक में खत्री ने खेल की प्रक्रिया को बदल दिया। अब कपास की कीमतों की जगह ताश के पत्तों से नंबर चुने जाते थे। यह तरीका बेहद रोमांचक और आसान था, जिससे आम लोग भी इसमें शामिल होने लगे। धीरे-धीरे मुंबई से लेकर पूरे भारत में रतन खत्री का नाम छा गया।

संघर्ष और विवाद

रतन खत्री का जीवन केवल सफलता तक सीमित नहीं रहा। 1975 में लगे आपातकाल के दौरान उन्हें करीब 19 महीने जेल में बिताने पड़े। उस दौर में उनका नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ। बावजूद इसके, 1990 के दशक तक वह सट्टेबाजी की दुनिया के सबसे बड़े नाम बने रहे।

रतन खत्री कानिधन

रतन खत्री का 2020 में निधन हो गया, लेकिन वह पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए, जिसे आज भी लोग याद करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि बॉलीवुड ने भी उनकी कहानी से प्रेरणा ली। हाल ही में कार्तिक आर्यन की फिल्म “चंदू चैंपियन” में उनके जीवन की झलक देखने को मिली।

मटका की विवादित पहचान

हालांकि रतन खत्री ने इस खेल को लोकप्रिय बनाया, लेकिन मटका और सट्टेबाजी हमेशा विवादों में घिरे रहे। सरकार ने कई बार इस पर रोक लगाने की कोशिश की। आज भी यह गतिविधि अवैध मानी जाती है और इसके चलते कई लोग कानूनी कार्रवाई और आर्थिक नुकसान का शिकार होते हैं।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। NPG News किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी या जुए को प्रोत्साहित नहीं करता। Satta अवैध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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