Ration Card News: राशन कार्ड धारक सावधान! सरकार काटने जा रही 1.17 करोड़ का नाम, जल्दी देखें लिस्ट में आप भी शामिल तो नहीं?
Ration Card News: एक तरफ बिहार में जहाँ वोटर आईडी कार्ड से लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. वहीँ दूसरी तरफ अब राशन कार्ड में छटनी की जा रही है. केंद्र सरकार लिस्ट से अपात्र राशन कार्ड धारकों के नाम काट रही है. ये ऐसे लोग हैं जो मुफ्त राशन के लिए योग्य नहीं है. सरकार ने अबतक 1.17 करोड़ लोगों की लिस्ट तैयार कर ली है. जिनके नाम राशन कार्ड से काटे जा रहे है.

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Ration Card News: एक तरफ बिहार में जहाँ वोटर आईडी कार्ड से लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. वहीँ दूसरी तरफ अब राशन कार्ड में छटनी की जा रही है. केंद्र सरकार लिस्ट से अपात्र राशन कार्ड धारकों के नाम काट रही है. ये ऐसे लोग हैं जो मुफ्त राशन के लिए योग्य नहीं है. सरकार ने अबतक 1.17 करोड़ लोगों की लिस्ट तैयार कर ली है. जिनके नाम राशन कार्ड से काटे जा रहे है.
जानकारी के मुताबिक़, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 1.17 करोड़ लोगों के नाम राशन कार्ड की लिस्ट से हटाए हैं. ये सभी अपात्र राशन कार्ड धारक है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को लिस्ट भेजकर इन लोगों के नाम काटने के आदेश दिए हैं. केंद्र सरकार ने निर्देश दिए है कि 30 सितंबर तक इन अपात्र कार्ड धारकों को हटाने के लिए आवश्यक सत्यापन करें.
बता दें, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने जिन 1.17 करोड़ लोगों की लिस्ट तैयार की है उनका नाम अन्य सरकारी डाटा के आधार पर शामिल किया है. आयकर विभाग (करदाता), कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (निदेशक) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (चार-पहिया वाहन मालिक) जैसे विभागों के डेटा के आधार पर इन लोगों का नाम कटा जा रहा है.
इन लोगों के पास चार पहिया वाहन हैं या वे आयकर दाता हैं या फिर कंपनियों में निदेशक हैं. डाटा के अनुसार, 17.51 लाख के पास चार पहिया वाहन हैं. जबकि 94.71 लाख राशन कार्ड धारक आयकर दाता हैं. वहीँ 5.31 लाख लोग कंपनियों में निदेशक हैं. इसके बावजूद ये लोग मुफ्त राशन ले रहे हैं. ऐसे में इन्हे मुफ्त राशन के लिए अपात्र माना गया है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एक अधिकारी कहना है कि केंद्र सरकार अयोग्य लाभार्थियों की पहचान कर उनका नाम हटा रही है ताकि योग्य लोगों को इनका लाभ मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार की मदद ली जा रही है. जिन लोगों के नाम राज्य सरकार को भेजे गए हैं वो इनका सत्यापन करेंगे जिसके बाद अयोग्य लाभार्थियों के नाम कटे जायेंगे.
