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Ramdev Unconditional Public Apology: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने अखबारों में छपवाया बड़े आकार का माफीनामा, जानिए पूरा मामला

Ramdev Unconditional Public Apology: भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने दूसरा माफीनामा प्रकाशित किया है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से आज अखबारों में सार्वजनिक माफी मांगी गई है।

Ramdev Unconditional Public Apology: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने अखबारों में छपवाया बड़े आकार का माफीनामा, जानिए पूरा मामला
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By Ragib Asim

Ramdev Unconditional Public Apology: भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने दूसरा माफीनामा प्रकाशित किया है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से आज अखबारों में सार्वजनिक माफी मांगी गई है। पतंजलि ने इसके पहले भी अखबारों में माफीनामा छपवाया था, लेकिन कोर्ट ने पूछा था कि क्या इसका आकार पहले जारी किए गए भ्रामक विज्ञापनों जितना बड़ा है। इसके बाद पतंजलि ने आज बड़े आकार में नया माफीनामा जारी किया है।

पतंजलि ने लिखा, "हम 22 नवंबर, 2023 को बैठक/प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए क्षमाप्रार्थी हैं। हम अपने विज्ञापनों को प्रकाशन में हुई गलती के लिए ईमानदारी से माफी मांगते हैं और यह हमारी प्रतिबद्धता है कि ऐसी गलतियां दोबारा नहीं होंगी। हम उचित सावधानी और अत्यंत ईमानदारी के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम न्यायालय की महिमा को बनाए रखने और संबंधित प्राधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।''


कोर्ट ने माफीनामे पर उठाए थे सवाल

इससे पहले 23 अप्रैल (मंगलवार) को हुई सुनवाई के दौरान पतंजलि और रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि कंपनी 10 लाख रुपये खर्च कर 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करवाया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। क्या माफीनामा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है? क्या माफीनामा उसी फॉन्ट और आकार में प्रकाशित किया गया है, जिसमें आपके पहले के विज्ञापन प्रकाशित हुए थे?"

क्या है मामला?

दरअसल, पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जिसे लेकर कंपनी को मानहानि का नोटिस जारी किया गया था। पतंजलि ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद कोर्ट ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तलब किया था। पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने इन दोनों के माफीनामे खारिज कर दिए और अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने को कहा था। पतंजलि ने माफीनामे प्रकाशित कराए थे, लेकिन उनका आकार छोटा था।

कई बार विवादों में रही है पतंजलि

पतंजलि इससे पहले भी कई बार विवादों में रही है। 2015 में पतंजलि ने बिना लाइसेंस लिए आटा नूडल्स लॉन्च कर दिए थे, जिसके बाद कानूनी नोटिस जारी किया गया था। 2018 में पतंजलि ने गिलोय घनवटी पर एक महीने आगे की निर्माण तिथि लिख दी थी, जिस पर कंपनी को फटकार लगी थी। उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से किए गए परीक्षण में घी खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरा था।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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