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ऑपरेशन शटर डाउन 2.0 : 1256 अफसरों ने की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी, सामाजिक योजनाओं में सेंध मारकर 4 लाख किराए के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर

Rajsthan News : राजस्थान के कलेक्टरों समेत देशभर के 1256 अफसरों की लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिला है। इनसे 4 लाख किराए के खातों में करोड़ों रुपए भेजे गए।

ऑपरेशन शटर डाउन 2.0 : 1256 अफसरों ने की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी, सामाजिक योजनाओं में सेंध मारकर 4 लाख किराए के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर
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By Meenu Tiwari

Rajsthan News : राजस्थान की झालावाड़ पुलिस ने ''ऑपरेशन शटर डाउन 2.0'' में केंद्र सरकार की सामाजिक योजनाओं में हुई देश की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से राजस्थान के कलेक्टरों समेत देशभर के 1256 अफसरों की लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिला है। इनसे 4 लाख किराए के खातों में करोड़ों रुपए भेजे गए। मास्टरमाइंड पीएम किसान सम्मान निधि योजना के स्टेट नोडल ऑफिस जयपुर में ऑपरेटर मोहम्मद लईक है। लईक ही अफसरों के लॉगिन आईडी देता था।

आरोपी ऑफिस टाइम समाप्ति के बाद रात्रि के समय अवैध रूप से क्रिएट की गई आईडी को एक्टिवेट करता, फिर सुबह ऑफिस से आते ही उसे डीएक्टिवेट कर देता है। एसपी ने बताया कि एजेंट बंद खातों का डाटा एकत्र कर नोडल अफसर की लॉगिन से पास करते थे।

कई राज्यों में फैला है ठगी का जाल

गिरोह में केंद्र के एक अफसर का नाम भी है। पुलिस जांच कर रही है। 11000 खाते सीज कराए हैं। 10 हजार खातों की जांच चल रही है। झालावाड़ जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार का कहना है अब तक कितना पैसा ट्रांसफर हुआ है? जांच की जा रही है। इनसे नागौर, टोंक, बाड़मेर, झालावाड़, भरतपुर और फलौदी कलेक्टरों की लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिले हैं। गिरोह ने पीएम किसान सम्मान निधि, जनआधार पोर्टल, सामाजिक सुरक्षा पेंशन पोर्टल और आपदा प्रबंधन विभाग के डीएमआईएस पोर्टल से फ्रॉड किया। ठगों का नेटवर्क राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, मणिपुर समेत सभी राज्यों तक फैला है।

पीएम सम्मान निधि में भी घपला

गिरफ्तार अभियुक्त में स्टेट नोडल ऑफिस के ऑपरेटर से लेकर कलेक्टर में कार्यरत कर्मचारी तक शामिल। विभिन्न राज्यों के लाखों लाभार्थियों का संदिग्ध डेटा व डिजिटल डिवाइसेज बरामद किए!आरोयियों ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के पोर्टल व वेबसाइट में सेंध लगाकर करोड़ों का घपला किया साथ ही पीएम सम्मान निधि में भी कई फर्जी किसान बनाकर करोड़ों रुपये का घपला किया गया। एसपी ने बताया कि आरोपी मोहम्मद लईक पीएम किसान सम्मन निधि योजना के स्टेट नोडल ऑफिस जयपुर में ऑपरेटर है,जिसके पास स्टेट नोडल ऑफिस का ऑफिशियल आईडी का एक्सेस है जिससे स्टेट में जिला नोडल ऑफिस की आईडी प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा अधिकृत रूप से उपयोग हेतु क्रिएट करता था।



पुलिस कर रही मामले की जांच

गांवों में गिरोह के एजेंट अपात्र लाभार्थियों का डाटा संकलित करते थे, जिनका रजिस्ट्रेशन लैंड सीडिंग और केवाईसी या अन्य कारण से इनएक्टिव थे। दोबारा योजनाओं में जोड़ने का झांसा देकर आधार और खाते की जानकारी मुख्य एजेंट को देते थे। फिर एक्सेल शीट स्टेट नोडल ऑफिस के ऑपरेटर को भेजते। स्टेट नोडल ऑफिस का ऑपरेटर जिला नोडल अधिकारियों की नई आईडी क्रिएट करता था। स्टेट नोडल ऑफिस का ऑपरेटर और ठग लॉगिन आईडी का उपयोग ऑफिस टाइम व ऑफिस टाइम बाद रात में ओटीपी बायपास करते हुए अनाधिकृत रूप से पीएम किसान सम्मान निधि के अपात्र लोगों को पात्र बना देते थे। बाद में आरोपी लॉगिन आईडी को डिएक्टिवेट कर देते ।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

  • मोहम्मद लईक, निवासी जयपुर
  • मोहम्मद शाहिद, निवासी भरतपुर जिला
  • सुभाष कश्यप, निवासी दक्षिण पश्चिम दिल्ली
  • रोहित कुमार, निवासी जालंधर पंजाब
  • संदीप शर्मा, निवासी जालन्धर पंजाब
  • सुनन्त शर्मा, निवासी जालन्धर पंजाब
  • रमेश चंद्र, निवासी खारा जिला फलोदी राजस्थान
  • भागचंद सैनी, निवासी दोसा जिला राजस्थान


गिरोह के तार दिल्ली, पंजाब, असम, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक

इस गिरोह के तार राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, असम, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक फैले हुए हैं. झालावाड़ साइबर पुलिस की विशेष टीम ने कई दिनों की निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के बाद गिरोह के चार मुख्य सदस्यों, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद लईक, सुभाष और रोहित कुमार सहित छह को गिरफ्तार किया है. सभी पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था. गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने बड़ी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल सिम, लैपटॉप, बैंक पासबुक, और सरकारी लॉगिन क्रेडेंशियल्स बरामद किए हैं.

बल्क ट्रांजैक्शन के जरिए फर्जी खातों में सरकारी धन ट्रांसफर

जांच में सामने आया है कि यह गिरोह योजनाओं के पोर्टलों पर डेटा मैनिपुलेशन कर लाभार्थियों की पहचान बदल देता था और बल्क ट्रांजैक्शन के जरिए फर्जी खातों में सरकारी धन ट्रांसफर करता था. आरोपी तकनीकी रूप से प्रशिक्षित थे और साइबर सुरक्षा के कई स्तरों को बायपास करने में माहिर थे. झालावाड़ एसपी के निर्देशन में गठित विशेष जांच टीम ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य राज्यों के अपराधियों की तलाश कर रही है.

जिला पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की


जिला पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, वेबसाइट या लिंक से सावधान रहें और साइबर अपराध की शिकायत तत्काल निकटतम थाना या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराएं.




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