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Silkyara Tunnel Rescue: मेरे पति ज़ब बाहर आएंगे तो मैं उनसे कहूंगी ये काम छोड़ दें

Silkyara Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा गाँव में सुरंग में फंसे हुए 41 मज़दूरों के बाहर निकलने का इंतज़ार कर रहे लोगों में देवेंद्र किस्कू भी एक हैं. वे बिहार के बांका ज़िले हैं...

Silkyara Tunnel Rescue: मेरे पति ज़ब बाहर आएंगे तो मैं उनसे कहूंगी ये काम छोड़ दें
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Rajni (image : social media)

By Manish Dubey

Silkyara Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा गाँव में सुरंग में फंसे हुए 41 मज़दूरों के बाहर निकलने का इंतज़ार कर रहे लोगों में देवेंद्र किस्कू भी एक हैं. वे बिहार के बांका ज़िले हैं. उनके छोटे भाई वीरेंद्र किस्कू भी सुरंग में दूसरे मज़दूरों के साथ फंसे हुए हैं. देवेंद्र किस्कू घटना के तीन दिन बाद बिहार से उत्तरकाशी पहुंचे और सुरंग से कुछ ही दूरी पर कमरे में रुके हुए हैं.

साथ में वीरेंद्र की पत्नी रजनी भी हैं और दोनों वीरेंद्र से बात करने के लिए सुरंग में जाते रहते है. देवेंद्र कहते हैं, 'वीरेंद्र को हमारी चिंता लगी रहती हैं कि हम लोग अपने घर से इतनी दूर उसे देखने आए हैं. तो हम उसकी चिंता करते हैं और वो हमारी चिंता कर रहा है.'

अंदर जाकर वो वीरेंद्र को हौसला देते हैं और कहते हैं, 'वीरेंद्र हमसे पूछता है कि भैया हमको निकालने के लिए क्या हो रहा है. हम कहते हैं उन्हें दिलासा देते हैं और कहते हैं अभियान जल्द सफल होगा और उन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा.'

देवेंद्र कहते हैं, 'मैं देख रहा हूँ कि प्रशासन के लोग जितनी तेज़ी से काम कर सकते हैं कर रहे हैं. जब शुरू-शुरू में मशीन फेल हो रही थी तो हमें चिंता होती थी. लेकिन अब लग रहा है कि सब कुछ ठीक ठाक हो रहा है.'

वीरेंद्र की पत्नी रजनी भी उत्तरकाशी में मौजूद हैं. वो बताती हैं कि वीरेंद्र ने उन्हें बताया कि रात में उन्होंने रोटी खाई और सुबह ताज़ी बनी हुई खिचड़ी खाई.

अंत में रजनी कहती हैं, 'जब वीरेंद्र सुरक्षित बाहर आ जाएंगे तो हम चाहेंगे कि वो यह काम ना करें, कोई दूसरा काम करें.'

भाई देवेंद्र भी कहते हैं, 'वो एक्सकेवेटर चलााने का काम करता है कहीं और खुले में कर सकता है. परिवार तो चाहता है कि वो सुरंग में काम ना करे. लेकिन अंत में तो वही तय करेगा जब वो बाहर निकल कर आएगा.'

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