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Rajasthan Transfer Policy 2024: ट्रांसफर पॉलिसीः इस राज्य में बनाई गई देश का नंबर-1 तबादला नीति, अब सारा कुछ ऑनलाइन और निश्चित शेड्यूल के अनुसार

Rajasthan Transfer Policy 2024: राजस्थान में कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रांसफर के नाम पर पारदर्शी तबादला नीति बनाई गई है। राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ट्रांसफर का मसौदा तैयार कर लिया है।

Rajasthan Transfer Policy 2024: ट्रांसफर पॉलिसीः इस राज्य में बनाई गई देश का नंबर-1 तबादला नीति, अब सारा कुछ ऑनलाइन और निश्चित शेड्यूल के अनुसार
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By Sandeep Kumar Kadukar

Rajasthan Transfer Policy 2024: जयपुर। राजस्थान के कर्मचारियों और अधिकारियों को लोकसभा चुनाव के नतीजों से ज्यादा इसलिए 4 जून का इंतजार है क्योंकि, इसके बाद सूबे में नई तबादला नीति लागू होने वाली है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने नई ट्रांसफर पॉलिसी का पूरा खाका तैयार कर लिया है। आचार संहिता के समापन के साथ ही राजस्थान में नई तबादला नीति लागू हो जाएगी।

आईएएस, आईपीएस भी शामिल

राजस्थान के नई तबादला नीति में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। याने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस का तबादला कर्मचारियों की तरह तो नहीं मगर एक निश्चित शेड्यूल में किया जाएगा। अंतर इतना ही होगा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को सरकार के पोर्टल पर अप्लाई करना होगा, आईएएस, आईपीएस को अप्लाई करने से छूट रहेगी। वैसे भी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के तबादले मुख्यमंत्री का विषय होता है। वे समय-समय पर ट्रांसफर करते रहते हैं।

इन्हें मिलेगी छूट

नई ट्रांसफर पॉलिसी में विधानसभा, राजभवन समेत संवैधानिक बोर्ड निगम आयोग और प्राधिकरण के कर्मचारियों को अलग रखा गया है। पॉलिसी में सबसे आकर्षक प्वाइंट यह है कि किसी भी सरकारी अधिकारी कर्मचारी का एक बार तबादला होने के बाद तीन साल तक तबादला नहीं किया जाएगा। किसी विशेष परिस्थिति या किसी अनियमितता के केस में फंसने का मामले में मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ट्रांसफर किया जा सकेगा।

केंद्र जैसा ट्रांसफर पॉलिसी

राजस्थान सरकार ने भारत सरकार सरीखा ट्रांसफर पॉलिसी तैयार किया है। इसके लिए चीफ सिकरेट्री सुधांश पंत खुद दिलचस्पी लेकर केंद्र से फार्मेट मंगवाए। उनकी मानिटरिंग में कमेटी ने नई ट्रांसफर पॉलिसी का फार्मेट तैयार किया।

ग्रामीण इलाकों में दो साल अनिवार्य

नई ट्रांसफर पॉलिसी में खास बात यह है कि सभी कर्मियों के लिए ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में दो साल तक सेवा देना अनिवार्य रहेगा। आवेदन में कर्मचारी रिक्त पदों पर अपनी इच्छा के अनुसार आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की राजनीतिक सिफारिश की न तो दरकार होगी और न ही मान्य किया जाएगा। नई ट्रांसफर पॉलिसी में महिला कर्मचारियों, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिकों, स्टेट लेवल के खिलाड़ियों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

आवेदन करना होगा

नई ट्रांसफर पॉलिसी में अधिकारियों कर्मचारियों से ऑनलाइन मंगवाए जाएंगे। राजस्थान में अब हर साल एक से 15 जनवरी तक सरकारी विभागों को रिक्त पदों की सूची सरकारी वेबसाइट पर जारी करनी होगी। इसी सूची के आधार पर सरकारी कर्मचारी एक से 28 फ़रवरी तक अपने ट्रांसफ़र के लिए आवेदन करेंगे। इसके बाद एक से 30 मार्च के तक काउंसिलिंग किया जाएगा। इसके बाद फिर 30 अप्रैल तक तबादले की लिस्ट जारी की जाएगी।

नेताओं की सिफारिश नहीं

राजस्थान में तबादलों में अब विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की सिफारिशें काम नहीं आ पाएगी। क्योंकि आनलाइन आवेदन करना है। कमेटी इसके बाद स्कूटनी करके फैसला करेगी कि संबंधित स्थान पर जगह खाली है या नहीं। अगर किसी ने रसूखदार लोगों की सिफारिश लगाई तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।


Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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