Rajasthan Ration Shop News: राशन की दुकान पर लाना होगा कंबल या तौलिया, तभी मिलेगा राशन
Rajasthan Ration Shop News: राजस्थान के जोधपुर में ग्राहकों को राशन की दुकान पर आई स्कैन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कंबल या तौलिया लेकर आना होता है. यह शर्त इस कारण है कि आई स्कैन मशीन केवल अंधेरे में ही सही से काम करती है, जिससे राशन वितरण में देरी होती है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस तकनीकी वेरिफिकेशन प्रक्रिया का उद्देश्य राशन वितरण में फर्जीवाड़ा रोकना है, हालांकि खुले में स्थित राशन दुकानों में इस व्यवस्था को लागू करना मुश्किल हो रहा है. इस कारण, ग्राहकों को तकनीकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए यह अनिवार्य कदम उठाना पड़ता है.

Rajasthan Ration Shop News: राजस्थान के जोधपुर में राशन की दुकान से उचित मूल्य की सामग्री प्राप्त करने के लिए एक अनोखी शर्त लागू की गई है. राशन लेने के लिए अब ग्राहकों को अपने साथ कंबल या तौलिया लेकर जाना होगा, ताकि वे अपने आई स्कैन की प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा कर सकें. यह शर्त सरकारी तकनीकी वेरिफिकेशन प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें थंब इंप्रेशन और आई स्कैनिंग की जाती है.
आई स्कैन और थंब इंप्रेशन की तकनीकी प्रक्रिया
राजस्थान सरकार ने राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए तकनीकी वेरिफिकेशन की व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत उपभोक्ताओं का थंब इंप्रेशन और आई स्कैन लिया जाता है. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सही व्यक्ति को ही राशन दिया जाए और किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके. हालांकि, इस प्रक्रिया में एक परेशानी सामने आई है, खासकर उन दुकानों पर जहां पर्याप्त अंधेरा नहीं होता, जिससे आई स्कैन मशीन ठीक से काम नहीं करती है.
कंबल और तौलिया लाने की अजीब शर्त
जोधपुर में राशन लेने आने वाले लोग अब अपनी सुविधा के लिए कंबल और तौलिया लेकर राशन की दुकानों पर जाते हैं. वे इन वस्त्रों का उपयोग सिर ढकने के लिए करते हैं, ताकि आई स्कैन के दौरान अंधेरे का सही इस्तेमाल हो सके. राशन विक्रेताओं के मुताबिक, आई स्कैन मशीन अंधेरे में सही तरीके से काम करती है. इस कारण से, ग्राहकों को राशन प्राप्त करने के लिए यह कदम उठाना पड़ता है.
क्यों जरूरी है अंधेरा?
जोधपुर के डीएसओ द्वितीय, अश्विनी गुर्जर का कहना है कि आई स्कैन मशीन अंधेरे में ही ठीक से काम करती है. इसके बिना बार-बार एरर आता है, जिससे राशन लेने में देरी होती है. उन्होंने कहा कि राशन दुकानों पर अंधेरे का इंतजाम करना आवश्यक है, लेकिन यह हर दुकान में संभव नहीं है. इसलिए ग्राहकों को कंबल या तौलिया लेकर आने की सलाह दी गई है, ताकि उनकी आई स्कैनिंग सही तरीके से हो सके.
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्त कदम
राजस्थान सरकार ने उचित मूल्य की सामग्री वितरण में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. आई स्कैन और थंब इंप्रेशन का उपयोग किया जा रहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जो व्यक्ति राशन ले रहा है, वही सही पात्र है. इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए नई पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं, जो राशन वितरण को और अधिक पारदर्शी बनाती हैं.
राशन विक्रेताओं की समस्याएं
राशन विक्रेताओं ने बताया कि आई स्कैन सही तरीके से काम नहीं करता जब दुकानों में अंधेरा नहीं होता. ऐसे में राशन देने में और तकनीकी प्रक्रिया पूरी करने में समय अधिक लगता है. एक राशन विक्रेता ने बताया कि जब तक यह तकनीकी वेरिफिकेशन सही तरीके से नहीं किया जाता, तब तक राशन वितरण में समय लगता है और लोगों को परेशानी होती है.
समस्या का समाधान
अश्विनी गुर्जर ने यह भी कहा कि इस समस्या का एकमात्र समाधान यही हो सकता है कि राशन की दुकानों पर एक ऐसा कोना बनाया जाए, जहां अंधेरा हो, ताकि आई स्कैन मशीन सही तरीके से काम कर सके. हालांकि, यह काम दुकानों के आकार की वजह से मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर राशन की दुकानें छोटी होती हैं. इसलिए, फिलहाल ग्राहकों को कंबल या तौलिया लेकर आना पड़ रहा है, ताकि तकनीकी प्रक्रिया पूरी की जा सके.
ग्रामीण इलाकों में राशन दुकानों का संचालन खुले में या धूप में किया जाता है, जहां अंधेरे का इंतजाम करना बहुत मुश्किल होता है. इस कारण से वहां के लोग विशेष रूप से प्रभावित होते हैं. राशन लेने के लिए कंबल या तौलिया लाना उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गया है, और इस कदम को कुछ लोग अजीब और परेशानी वाला मानते हैं.