Rajasthan Khatu Shyamji Rath Yatra: चांदी के रथ में बाबा श्याम की भव्य रथ यात्रा, भक्तों ने खेली होली
Rajasthan Khatu Shyamji Rath Yatra: राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटू श्यामजी मंदिर में आमलकी एकादशी के अवसर पर भव्य रथ यात्रा निकाली गई, जिसमें बाबा श्याम 125 किलोग्राम चांदी से बने रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. इस रथ की लागत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है. रथ यात्रा के दौरान भक्तों ने रंगों से होली खेली और बाबा श्याम के रथ को खींचने का प्रयास किया. श्रद्धालुओं ने बाबा को छप्पन भोग अर्पित किए और विभिन्न रंगों से बाबा की पूजा की.

Rajasthan Khatu Shyamji Rath Yatra: राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटू श्यामजी मंदिर में 15 मार्च 2025 को वार्षिक फाल्गुनी लक्खी मेला आयोजित किया गया. इस अवसर पर बाबा श्याम की भव्य रथ यात्रा निकाली गई.
रथ यात्रा में बाबा श्याम को 125 किलोग्राम चांदी से निर्मित रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण कराया गया. रथ की लागत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है. इस रथ यात्रा में हजारों भक्तों ने बाबा श्याम के रथ को खींचने का प्रयास किया और श्रद्धा में रंग एवं गुलाल से होली खेलते हुए भक्ति का आनंद लिया
शाही रथ पर सवार बाबा श्याम
यह रथ यात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों से गुजरते हुए पुनः मंदिर परिसर में समाप्त हुई. भक्तों में उत्साह और श्रद्धा की लहर देखने को मिली. बाबा श्याम के रथ पर सवार होने के बाद श्रद्धालुओं ने ‘श्याम’ नाम का जाप करते हुए भजन-कीर्तन किया। भक्तजन बाबा की पूजा और यात्रा के दौरान रंगों से सराबोर हो गए और एकता व भाईचारे का प्रतीक बनकर होली का पर्व मनाया.
छप्पन भोग और विविध रंगों की श्रद्धा
रथ यात्रा के दौरान बाबा श्याम को छप्पन भोग का प्रसाद अर्पित किया गया, जिसमें भक्तों ने बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की. इसके अलावा श्रद्धालुओं ने बाबा को केसरिया, सफेद, लाल, पीला, नीला, आसमानी, हरा और गुलाबी रंगों के निशान अर्पित किए. भक्तों ने ‘श्याम’ लिखा हुआ दुपट्टा पहनकर बाबा की भक्ति में लीन रहते हुए भव्य यात्रा का हिस्सा बने.
रथ यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
यह रथ यात्रा एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व की घटना थी, जिसमें बाबा श्याम की भक्ति के अनगिनत रूप देखने को मिले. श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बनकर बाबा श्याम के दर्शन प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से पहुंचे थे. मेले के आयोजन में धार्मिक उत्थान के साथ-साथ भक्तों ने सामाजिक और सांस्कृतिक समागम का आनंद लिया. इस यात्रा का आयोजन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है, जो हजारों वर्षों से जारी है.
मेला और सुरक्षा व्यवस्थाएं
इस भव्य यात्रा के दौरान मेला परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ यात्रा मार्ग में ट्रैफिक को नियंत्रित किया गया था। भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल सुविधाओं और व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त रखा गया था.
रथ यात्रा का भावनात्मक पहलू
खाटू श्यामजी की रथ यात्रा न केवल धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक भी है. इस यात्रा के माध्यम से भक्त अपनी आस्था और भक्ति को प्रकट करते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम का माहौल बनता है. भक्तों ने इस यात्रा के दौरान न केवल बाबा श्याम के दर्शन किए, बल्कि उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरे हर्षोल्लास के साथ होली खेली और रंगों के साथ श्रद्धा व्यक्त की.