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Rajasthan Crime News: अलवर में एक दर्जी को मिली PFI की चिट्ठी, जान से मारने की दी गई धमकी, पुलिस अलर्ट

Rajasthan Crime News: राजस्थान के अलवर जिले (Alwar district of Rajasthan) में एक दर्जी को कथित तौर पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जान से मारने की धमकी मिली है।

Rajasthan Crime News: अलवर में एक दर्जी को मिली PFI की चिट्ठी, जान से मारने की दी गई धमकी, पुलिस अलर्ट
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By Manish Dubey

Rajasthan Crime News: राजस्थान के अलवर जिले (Alwar district of Rajasthan) में एक दर्जी को कथित तौर पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जान से मारने की धमकी मिली है। इसने पिछले साल 28 जून को एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट (controversial social media posts) के बाद उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल साहू की बेरहमी से की गई हत्या की यादें ताजा कर दी हैं। चिकानी कस्बे के एक दर्जी सोहनलाल जाटव ने बताया कि उन्हें लगभग 13 दिन पहले पोस्ट के जरिए एक हस्तलिखित पत्र मिला जिसमें स्पष्ट रूप से जान से मारने और बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।

जाटव ने शनिवार को सदर पुलिस स्टेशन को पत्र की सूचना दी, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की। कथित तौर पर पीएफआई के नाम से लिखे गए पत्र में जाटव को सही मूल्य स्वीकार करने के बाद 31 दिसंबर तक अपनी दुकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसमें स्पष्ट रूप से तीन दुकानों को खाली करने की धमकी दी गई, जिसमें कहा गया कि यह परिसर अल्पसंख्यक समुदाय का है।

जाटव ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने 1971 में ग्राम पंचायत से जमीन खरीदी थी। पैसा जमा करने और लीज डीड प्राप्त करने के बाद, उन्हें कुछ लोगों से कानूनी मामले का सामना करना पड़ा। आखिरकार एक समझौता हुआ, जिससे उन्हें जमीन पर एक दुकान बनाने की अनुमति मिल गई। उन्होंने कहा, ‘मैंने कई सालों तक इस दुकान में दर्जी के रूप में काम किया। पिछले छह महीनों से, मैंने दुकान को बालाजी स्टेशनर्स को किराए पर दे दिया है। अब, धमकी दी गई है कि दुकान पर मेरा कब्जा अवैध है, और मुझे इसके लिए भरपाई करनी चाहिए और इसे खाली कर देना चाहिए।’

एसपी आनंद शर्मा के मुताबिक, चिकानी पोस्ट ऑफिस से 13 नवंबर को पत्र भेजा गया था, लेकिन इसकी डिलिवरी बाद में हुई। पुलिस ने कहा, ‘ऐसी संभावना है कि पत्र का उद्देश्य (विधानसभा) चुनाव के दौरान गड़बड़ी पैदा करना रहा होगा। दुकान खाली करने का विवाद 30 साल पहले सुलझा लिया गया था। मामले की जांच जारी है।’

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