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Rajasthan ACB Investigation: रिटायर्ड तहसीलदार समेत 50 लोगों पर लटकी ACB की तलवार, करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन की होगी जांच

Rajasthan ACB Investigation: राजस्थान के बांसवाड़ा में करोड़ों रुपए के सरकारी जमीन में हुए घोटाले की जांच अब ACB ने अपने हाथ में ले ली है. मामले में पटवारी, गिरदावर और रिटायर्ड तहसीलदार समेत 50 लोगों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है.

Rajasthan ACB Investigation: रिटायर्ड तहसीलदार समेत 50 लोगों पर लटकी ACB की तलवार, करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन की होगी जांच
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By Anjali Vaishnav

Rajasthan ACB Investigation: राजस्थान में लगातार भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) एक्शन मोड में नजर आ रही है, अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के रडार में रिटायर्ड तहसीलदार समेत 50 लोग शामिल हैं. सरकारी अधिकारियों पर लटक रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की तलवार राजस्थान के बांसवाड़ा में हुए करोड़ों रुपए के सरकारी जमीन घोटाले से जुड़ी हुई है.

कैसे हुआ घोटाला

मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गढ़ी तहसील का है, जहां नेशनल हाईवे 927-ए के किनारे 91 बीघा सरकारी जमीन को 36 लोगों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया था. यह जमीन 7 गांवों की बेशकीमती ज़मीन थी, जिसे निजी लोगों के नाम अवैध तरीके से ट्रांसफर किया गया. गढ़ी तहसीलदार ने इस मामले में 12 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों समेत 36 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

इन लोगों ने घोटाले को दिया अंजाम

तत्कालीन तहसीलदार केशर सिंह चौहान, दिनेश चंद्र पाटीदार, प्रदीप सुथार, गौतमलाल पाटीदार, दीपक जैन, अविनाश राठौड़, पटवारी निखिल गरासिया, नीलेश परमार, अभिलाषा जैन और अन्य जमीन मालिकों ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था. 91 बीघा सरकारी जमीन को अवैध रूप से निजी लोगों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया था, जो अब जांच के दायरे में है. वर्तमान गढ़ी तहसीलदार ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है.

आरोपी अधिकारियों में रिटायर्ड तहसीलदार केशर सिंह चौहान, नायब तहसीलदार अनिल ताबियार, वजवाना पटवारी विनोद मईड़ा और सुंदनी पटवारी नागेंद्र सिंह शामिल हैं.

5 पटवारी हो चुके हैं निलंबित

जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने जांच में संदिग्ध पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सभी कार्मिकों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस घोटाले के आरोप में अब तक 5 पटवारियों और 5 गिरदावरों को निलंबित किया जा चुका है. एसीबी मामले की जांच कर रही है, और यह मामला सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रहा है. जल्द ही इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

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