Jharkhand Naxal Attack: रेलवे की साइट पर नक्सलियों ने हमला कर लगाई आग
Jharkhand Naxal Attack: रांची जिले के मैक्लुस्कीगंज में रेलवे की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर बीती रात नक्सलियों ने हमला किया। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे तीन वाहनों और एक जेनरेटर को आग के हवाले कर दिया...
Jharkhand Naxal Attack: रांची जिले के मैक्लुस्कीगंज में रेलवे की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर बीती रात नक्सलियों ने हमला किया। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे तीन वाहनों और एक जेनरेटर को आग के हवाले कर दिया।
नक्सलियों ने कई राउंड हवाई फायरिंग भी की। बताया गया कि सोमवार देर शाम करीब एक दर्जन हथियारबंद अपराधी रांची से 70 किमी दूर मैक्लुस्कीगंज में चट्टो नदी के पास रेलवे द्वारा कराए जा रहे पुल निर्माण की साइट पर पहुंचे और हवाई फायरिंग करन लगे। इससे भयभीत वहां मौजूद मजदूर और अन्य कर्मी भाग खड़े हुए।
इसके बाद नक्सलियों ने एक डंपर, एक पोकलेन मशीन, एक एसयूवी और जेनरेटर में आग लगा दी। निर्माण कार्य करा रही एजेंसी को भारी नुकसान हुआ है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चतरा के टंडवा स्थित एनटीपीसी के सुपर थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की आपूर्ति की सुविधा बढ़ाने और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन फीडर लाइन तैयार करने के लिए पतरातू से सोननगर के बीच थर्ड रेल लाइन का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य का ठेका केईसी इंटरनेशनल कंपनी का है।
बताया जा रहा है कि हमलों के पीछ नक्सलियों का मकसद निर्माण कार्य कर रही कंपनी से लेवी (रंगदारी) वसूल करना है। इस महीने के भीतर झारखंड में रेलवे की साइट पर यह दूसरा हमला है। इसके पहले 1 सितंबर को सिमडेगा जिले में कनरवा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई ने हमला कर एक पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया था।
गत 23 अगस्त को पलामू में भी नक्सलियों ने एक रोड कन्स्ट्रक्शन साइट पर हमला कर आठ गाड़ियों को फूंक डाला था। इसी तरह मई महीने में चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र शिवपुर-कठौतिया रेलवे लाइन में भी कन्स्ट्रक्शन साइट पर हमला कर एक पोकलेन मशीन में आग लगा दी गई थी।
पूर्व में रेलवे रेलवे विकास निगम लिमिटेड रांची ने हमलों की लगातार हो रही घटनाओं पर राज्य सरकार के गृह विभाग को हाल में पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पत्र में ऐसी कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया था कि इस वजह से रेलवे की कई परियोजनाएं बाधित हो रही हैं।