Punjab and Haryana High Court: सत्ता के दुरुपयोग का बड़ा मामला: हाई कोर्ट ने राज्स सरकार पर ठोका 50 हजार रुपये का जुर्माना, पढ़िए क्या है मामला..
Punjab and Haryana High Court: सत्ता के दुरुपयोग और न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने से नाराज हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। आपराधिक प्रकरण में बरी होने के बाद भी सरकार ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने से इंकार करने पर सख्त रूख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की प्रति मिलने के दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने का आदेश दिया है।

Punjab and Haryana High Court: दिल्ली। आपराधिक प्रकरण में बरी होने के बाद भी नियुक्ति देने से इंकार करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठाेका है। नाराज हाई कोर्ट ने सरकार के इस रवैये को सत्ता का दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बताया है। नाराज कोर्ट ने कहा कि अभ्यर्थी को अपने वैध दावे के लिए तीन अलग-अलग दौ र के मुक़दमों में अदालत का रुख़ करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अभ्यर्थी को कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति देने से मना कर दिया था।
फिजिकल और लिखित परीक्षा के बाद सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों ने बताया कि एक प्राथमिकी लंबित है। सत्यापन करने वाले अधिकारी ने प्राथमिकी के संबंध में मौजूदा स्थिति की जानकारी जुटाने के बजाय सीधे अफसरों को जानकारी दे दी। निचली अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद यााचिकाकर्ता को पहले ही बरी कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि यह तो सीधा-सीधा सत्ता का दुरुपयोग के साथ ही कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है। नाराज कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि अदालत के बार-बार आदेश जारी करने के बाद भी अधिकारी अपनी राय पर अडिग रहे। अफसरों को संवैधानिक न्यायालयोां के आदेश की परवाह नहीं की और ना ही सम्मान किया।
कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह अचरज की बात है कि सत्यापन अधिकारी ने सितंबर 2024 के निर्देशों पर विचार किया है। जबकि सत्यापन अक्टूबर 2023 में किया गया था। सत्यापन अधिकारी का यह कर्तव्य था कि वह आदेश का पालन करते। सत्यापन अधिकारी और आला अफसरों ने याचिकाकर्ता को अनावश्यक रूप से मुकदमेबाजी में उलझाने का काम किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का यह कृत्य जुर्माना लगाने का उपयुक्त कारण है। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ हरियाणा सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
