Begin typing your search above and press return to search.

Pune Porsche Case: नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के लिए डॉक्टरों ने लिए थे ₹3 लाख, जानिए क्या है पूरा मामला?

Pune Porsche Case: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कार हादसा मामले में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मामले में आरोपी, उसके पिता और दादा को गिरफ्तार करने के बाद पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को आरोपी का मेडिकल करने वाले दो चिकित्सकों को और गिरफ्तार कर लिया।

Pune Porsche Case: नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के लिए डॉक्टरों ने लिए थे ₹3 लाख, जानिए क्या है पूरा मामला?
X
By Ragib Asim

Pune Porsche Case: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कार हादसा मामले में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मामले में आरोपी, उसके पिता और दादा को गिरफ्तार करने के बाद पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को आरोपी का मेडिकल करने वाले दो चिकित्सकों को और गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों चिकित्सकों ने 3 लाख रुपये में मेडिकल रिपोर्ट बदल दी थी। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।

पुलिस ने बरामद किए 3 लाख रुपये

पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार ससून अस्पताल के चिकित्सक फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ अजय तवरे और CMO डॉ श्रीहरि हलनोर ने 3 लाख रुपये लेकर अन्य कर्मचारी अतुल घटकमल्बे की मदद से आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट बदली थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद 3 लाख रुपये बरामद भी कर लिए हैं। इसके बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 मई तक रिमांड पर भेज दिया गया है।

आरोपी चिकित्सकों ने कैसे बदली रिपोर्ट?

आयुक्त अमितेश ने कोर्ट में बताया कि चिकित्सकों ने आरोपी के पहली बार लिए गए नमूने को कचरे में फेंक दिया था और उसकी जगह किसी और का सैंपल लेकर आरोपी के शराब के नशे में न होने की पुष्टि कर दी। उन्होंने बताया कि पुलिस अब चिकित्सकों को रुपये देने वाले और आरोपी की जगह नमूना देने वाले का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को रिमांड पर भेजने का आदेश दे दिया।

सरकार ने गठित की 3 सदस्यीय जांच कमेटी

मामले में चिकित्सकों की मिलिभगत सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की प्रमुख डॉ पल्लवी सपले को समिति का अध्यक्ष बनाया है।

मेडिकल काउंसिल ने जारी किया नोटिस

गिरफ्तारी के बाद अर्ध-न्यायिक निकाय महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने दोनों चिकित्सकों को नोटिस भी जारी कर दिया है। समिति ने दोनों को अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। इसी तरह आवश्यकता पड़ने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी बुलाया जा सकता है। यदि जांच में दोनों चिकित्सक दोषी पाए जाते हैं तो महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल उनका लाइसेंस 1 दिन से जीवनभर तक के लिए निरस्त कर सकती है।

क्या है पूरा मामला?

19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्श कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया को टक्कर मार दी थी। बाइक सवार दोनों लोग मध्य प्रदेश के थे और पुणे में IT इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बाद में कार बेकाबू होकर एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए रैलिंग से टकरा गई थी।

घटना के बाद पुलिस ने आरोपी किशोर को गिरफ्तार कर ससून अस्पताल में मेडिकल कराया, जिसमें पहली रिपोर्ट में उसके नशे में नहीं होने की पुष्टि हो गई। इसके आधार पर किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने आरोपी को महज 15 घंटे में ही मामूली शर्तों पर जमानत दे दी थी। कोर्ट ने नाबालिग से 'सड़क हादसे और उनके उपाय' विषय पर निबंध लिखने और 15 दिन तक पुलिस के साथ काम करने को कहा था।

विरोध होने पर आरोपी को भेजा बाल सुधार गृह

आरोपी को जमानत मिलने का विरोध होने और पुलिस पर उसके प्रति नरमी दिखाने का आरोप लगने के बाद आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। इसके अलावा आरोपी के पिता को लाइसेंस न होने के बाद भी बेटे को कार सौंपकर लोगों की जान खतरे में डालने और दादा को कार के चालक को घर में रोकने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया है।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

Read MoreRead Less

Next Story