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Pune Bridge Collapses: इंद्रायणी नदी पर वीकेंड पर उमड़ी भीड़, टूटा जर्जर पुल, सुरक्षा के बिना बह गए दर्जनों सपने

Pune Bridge Collapses: रविवार का दिन सुबह से ही हादसों से भरा दिन रहा, पहले केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश होने से 7 लोगों की मौत और अब एक और हादसा, हादसा महाराष्ट्र के पुणे में हुआ जहां इंद्रायणी नदी पर बना पुल टूट गया जिसमें 5 लोगों की मौत की खबर सामने आयी है हालाँकि सिर्फ दो लोगों के मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है, रेस्कयू अब भी जारी है, आइए जानते है कब और कैसे हुआ एक और बड़ा हादसा.

इंद्रायणी नदी पर वीकेंड पर उमड़ी भीड़, टूटा जर्जर पुल, सुरक्षा के बिना बह गए दर्जनों सपने
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By Anjali Vaishnav

Pune Bridge Collapses: रविवार का दिन सुबह से ही हादसों से भरा दिन रहा, पहले केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश होने से 7 लोगों की मौत और अब एक और हादसा, हादसा महाराष्ट्र के पुणे में हुआ जहां इंद्रायणी नदी पर बना पुल टूट गया जिसमें 6 लोगों की मौत की खबर सामने आयी है हालाँकि सिर्फ दो लोगों के मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है, रेस्कयू अब भी जारी है, आइए जानते है कब और कैसे हुआ एक और बड़ा हादसा.

ऐसे हुआ हादसा

रविवार का दिन होने की वजह से सभी अपने घर से घूमने निकलते हैं, ऐसे ही बहुत से लोग महाराष्ट्र के पुणे में इंद्रायणी नदी पर खुशनुमा मौसम का आनंद लेने पहुंचे थे, वहां का मशहूर झरना और इंद्रायणी नदी का तेज बहाव लोगों को खींच लाया. दर्जनों पर्यटक पुल पर खड़े होकर उस नज़ारे को मोबाइल कैमरों में कैद कर रहे थे. लेकिन तभी, एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. इंद्रायणी नदी पर बना पुराना और जर्जर पुल अचानक टूट गया. चीख-पुकार मच गई. लोग पानी में गिरने लगे. कई ने खुद को बचा लिया, लेकिन 25 से 30 लोग बह गए. कुछ ही मिनटों में जश्न मातम में बदल गया.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

घटना के बाद, NDRF की टीम और पुलिस के अलावा स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए. नदी में बहे हुए पर्यटकों को ढूंढने के लिए पूरा प्रशासनिक तंत्र सक्रिय हो गया था. भारी बारिश और तेज जल प्रवाह के बावजूद, रेस्क्यू टीम ने नदी में बहे हुए लोगों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया. कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि अन्य की तलाश जारी है. राहत कार्य में स्थानीय लोग भी मदद कर रहे थे, क्योंकि वे जानते थे कि यह इलाका एक पर्यटक स्थल है और अगर समय रहते मदद नहीं की गई तो स्थिति और भी बिगड़ सकती थी.


स्थानीय विधायक का बयान

स्थानीय विधायक सुनील शेलके ने बताया कि अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं. 6 को जिंदा निकाला गया है. NDRF और पुलिस की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है, जबकि स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं.

क्या प्रशासन की है लापरवाही?

पुल दो दिन पहले ही खराब घोषित किया गया था, लेकिन कोई बैरिकेडिंग, गार्ड या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया था. लोग भारी बारिश के बाद नदी का तेज बहाव देखने के लिए उसी पुल पर चढ़ गए, जहां जिंदगी ने साथ छोड़ दिया.


मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक

मुख्यमंत्री फडणवीस ने दुख जताते हुए बताया कि प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन उन्होंने दो लोगों की मौत की पुष्टि नहीं की है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही इस हादसे की सबसे बड़ी वजह है. जब तक पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे.

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