Pintu Mahra 30 Crore 45 Days: महाकुंभ में नाव चलाकर 45 दिनों में कमाए 30 करोड़, गहने बेचकर बनाई किस्मत, पढ़िए पिंटू महरा की सफलता की कहानी
Pintu Mahra 30 Crore 45 Days: प्रयागराज महाकुंभ की रौनक और आस्था के बीच एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो हर किसी को प्रेरणा देती है। यह कहानी है प्रयागराज के नाविक पिंटू महरा की, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाकर अपनी मेहनत और दूरदर्शिता का लोहा मनवाया।

Pintu Mahra 30 Crore 45 Days: प्रयागराज महाकुंभ की रौनक और आस्था के बीच एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो हर किसी को प्रेरणा देती है। यह कहानी है प्रयागराज के नाविक पिंटू महरा की, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाकर अपनी मेहनत और दूरदर्शिता का लोहा मनवाया। उनकी इस सफलता की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है, साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उनकी कहानी को सदन के सामने रखा।
पिंटू ने बदल दी परिवार की जिंदगी
पिंटू महरा प्रयागराज के अरैल गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार पीढ़ियों से नाव चलाने का काम करता आया है। पिंटू ने महाकुंभ से पहले ही भविष्य को देखते हुए 70 नावें खरीदीं, जिसके लिए उन्हें घर की महिलाओं के गहने तक बेचने पड़े। यहां तक कि उन्हें अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ी। लेकिन, उनकी मेहनत रंग लाई और महाकुंभ के दौरान उन्होंने 30 करोड़ रुपये कमाए।
विरोध के बावजूद नहीं टला इरादा
पिंटू बताते हैं कि जब उन्होंने नावें खरीदने का फैसला किया, तो परिवार की महिलाओं ने उनका विरोध किया। उनकी मां शकुंतला देवी भी नाराज हो गईं, लेकिन पिंटू ने किसी की नहीं सुनी। उन्होंने अपने विजन पर भरोसा रखा और आखिरकार सफलता उनके कदम चूमी। शकुंतला देवी अब अपने बेटे की सफलता को याद करते हुए कहती हैं, "घर में बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसे तक नहीं बचे थे। अब बच्चे पढ़ेंगे।"
सीएम योगी ने सदन में की तारीफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में पिंटू महरा की सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि पिंटू के परिवार के पास 130 नावें थीं, और महाकुंभ के दौरान उन्होंने 30 करोड़ रुपये कमाए। सीएम योगी ने कहा कि यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो मेहनत और लगन से अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं।
अपराध की दुनिया से निकलकर बने सफल उद्यमी
पिंटू महरा का परिवार पहले अपराध की दुनिया से जुड़ा हुआ था। उनके पिता बच्चा महरा का इलाके में दबदबा था, लेकिन जेल में उनकी मौत के बाद पिंटू ने अपराध की दुनिया को छोड़कर नाव के धंधे पर फोकस किया। महाकुंभ का मौका मिलते ही उन्होंने अपनी किस्मत बदल ली।
क्या है आगे की योजना?
पिंटू अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं और अपने परिवार को बेहतर जीवन देना चाहते हैं। उनकी यह कहानी साबित करती है कि मेहनत और सही दिशा में किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। पिंटू महरा की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह साबित करती है कि सही समय पर उठाया गया सही कदम जीवन बदल सकता है। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार की जिंदगी बदल दी, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल कायम की है।
