Pakistan Minister Ziaul Hassan Lanjar: सिंध के गृहमंत्री के घर पर प्रदर्शनकारियों का हमला, आगजनी-फायरिंग में 2 की मौत, वीडियो हुए वायरल
Pakistan Crisis: पाकिस्तान में आंतरिक हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। अब हिंसा की आग सिंध प्रांत तक पहुँच गई है, जहां मंगलवार को सिंध सरकार के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर सैकड़ों की भीड़ ने हमला बोल दिया।

Pakistan Crisis: पाकिस्तान में आंतरिक हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। अब हिंसा की आग सिंध प्रांत तक पहुँच गई है, जहां मंगलवार को सिंध सरकार के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर सैकड़ों की भीड़ ने हमला बोल दिया। यह वारदात नौशहरो फिरोज जिले के मोरो तालुका में हुई, जिसकी तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
प्रदर्शनकारी लंजर के घर में घुस आए, उन्होंने न सिर्फ घर में तोड़फोड़ की, बल्कि फर्नीचर में आग लगा दी और बेतहाशा लूटपाट की। जब तक सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुँचे, तब तक मंत्री का घर पूरी तरह बर्बाद हो चुका था। कुछ वीडियो में सुरक्षा बलों को हवा में गोलियां चलाते और भीड़ को खदेड़ते देखा गया।
कॉर्पोरेट खेती के विरोध से शुरू हुआ बवाल
इस हिंसा की जड़ें सिंध सरकार की प्रस्तावित छह नहर परियोजना और कॉर्पोरेट खेती मॉडल से जुड़ी हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे उनकी ज़मीनें छिन जाएंगी और पानी की उपलब्धता पर बड़ा संकट खड़ा होगा। बीते कई दिनों से लोग इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
मंगलवार को जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया। इस टकराव ने आंदोलन को हिंसक रूप दे दिया। गुस्साई भीड़ ने कई ट्रकों को लूट लिया, तेल के टैंकर समेत तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, और फिर गृहमंत्री के घर की ओर कूच कर गई।
पुलिस की गोलीबारी में दो की मौत
विरोध की आग जैसे ही मंत्री के घर तक पहुँची, प्रशासन हरकत में आया। आस-पास के जिलों नवाबशाह और सुक्कुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। लेकिन तब तक हालात हाथ से निकल चुके थे। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाईं, जिससे दो प्रदर्शनकारियों की मौके पर मौत हो गई। कई अन्य लोग घायल हुए हैं। कई घंटों तक हाईवे दोनों ओर से जाम रहा और चारों ओर अफरा-तफरी मची रही।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
घटना के बाद पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने पुलिस की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। नेताओं का कहना है कि लोगों का विरोध शांतिपूर्ण था, लेकिन सरकार ने पुलिस के दम पर उसे कुचलने की कोशिश की, जिसकी वजह से यह आंदोलन हिंसक हो गया। सरकार पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने कहा कि यह सिर्फ कानून-व्यवस्था की विफलता नहीं है, बल्कि जनभावनाओं की अनदेखी का नतीजा है।
पहले से ही संकटों में डूबा है पाकिस्तान
यह ताजा घटना उस समय सामने आई है जब पाकिस्तान पहले से ही आतंकी हमलों और आंतरिक विद्रोहों से परेशान है। कुछ ही हफ्ते पहले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर बड़ी संख्या में लोगों को मौत के घाट उतारने का दावा किया था। इसके बाद BLA ने पाकिस्तानी फौज के काफिले पर भी जानलेवा हमला किया। इसके अलावा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, इस्लामिक स्टेट खोरासन (IS-K) और अफगान तालिबान भी पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICS) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2025 में आतंकी हमलों की संख्या 100 पार कर गई, जो कि नवंबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। अब जब आम जनता भी सड़कों पर है और हिंसक टकराव बढ़ रहे हैं, तो यह सवाल और गंभीर हो गया है क्या पाकिस्तान अपने आंतरिक संकट से उबर पाएगा?
