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Hina Rabbani Khar: पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ और हिना रब्बानी की प्राइवेट फोन कॉल लीक, मची खलबली

Hina Rabbani Khar: पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों अब तक के सबसे बुरे आर्थिक दौर (worst economic times) से गुजर रहा है। हालांकि उसने कई देशों और आईएमएफ से कर्ज की मांग है लेकिन उसे वहां से निराशा हाथ लगी है।

Hina Rabbani Khar: पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ और हिना रब्बानी की प्राइवेट फोन कॉल लीक, मची खलबली
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By NPG News

Hina Rabbani Khar: पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों अब तक के सबसे बुरे आर्थिक दौर (worst economic times) से गुजर रहा है। हालांकि उसने कई देशों और आईएमएफ से कर्ज की मांग है लेकिन उसे वहां से निराशा हाथ लगी है। वहीं अब पाकिस्तान के पीएम और मंत्री का बातचीत (conversation between PM and minister) का रिकॉर्ड लीक (Record leaked) हो गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) और विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार (Minister of State for External Affairs Hina Rabbani Khar) के अमेरिका (America) के साथ रिश्तों की चर्चा का एक महत्वपूर्ण का रिकॉर्ड लीक हो गया है, चर्चा में चीन के साथ रिश्तों पर भी बात की गई है।

हिना रब्बानी खार का ये सीक्रेट मेमो 'पाकिस्तान के पास मुश्किल विकल्प' टाइटल के साथ है, जिसमें हिना रब्बानी ने पाकिस्तान के नेतृत्व को पश्चिम को खुश करने की कोशिशों को लेकर चेतावनी दी है। कि पाकिस्तान को अमेरिका जैसे देशों को खुश करने से बचना चाहिए। साथ ही हिना रब्बानी खार ने अपने सीक्रेट मेमो में पाकिस्तानी नेतृत्व को सावधान करते हुए कहा है, कि अगर पाकिस्तान, अमेरिका के साथ अपने रिश्ते को सहेजने की कोशिश करता है, तो आखिरकार उसे चीन के साथ अपने संबंधों को त्यागना होगा, जिसके साथ उसके 'वास्तविक रणनीतिक भागीदारी' हैं"।

पाकिस्तान के बड़े नेताओं के ऑडियो लीक पहले भी हुए हैं लेकिन हिना रब्बानी खार का खुफिया मेमो कैसे लीक हुआ और अमेरिका के पास कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। लेकिन अब पाकिस्तान में सवाल ये उठ रहे हैं, कि आखिर अमेरिका की जड़ें पाकिस्तानी शासन के अंदर कितनी गहरी हैं, कि वह पाकिस्तान के अत्यंत गोपनीय और संवेदनशील जानकारियां भी आसानी से पा लेता है।

लीक हुए दस्तावेजों में नामित पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ-साथ अन्य देशों के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यह कहानी ऐसे समय में सामने आई है जब वाशिंगटन पहले ही पुष्टि कर चुका है कि उसे मास्को से तेल आयात करने के पाकिस्तान के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि प्रत्येक देश अपनी ऊर्जा आपूर्ति के संबंध में अपने स्वयं के संप्रभु निर्णय लेगा।

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