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Pahalgam Terrorist Attack: आतंकियों की मदद करने वाला युवक पुलिस से बचने के लिए नदी में कूदा, हो गई मौत, नेताओं ने उठाए सवाल

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में 4 मई 2025 को 23 साल के इम्तियाज अहमद माग्रे का शव नदी से मिला। पुलिस का कहना है कि इम्तियाज ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की मदद की थी।

Pahalgam Terrorist Attack: आतंकियों की मदद करने वाला युवक पुलिस से बचने के लिए नदी में कूदा, हो गई मौत, नेताओं ने उठाए सवाल
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By Ragib Asim

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में 4 मई 2025 को 23 साल के इम्तियाज अहमद माग्रे का शव नदी से मिला। पुलिस का कहना है कि इम्तियाज ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की मदद की थी। उसने आतंकियों को खाना और रहने की जगह दी थी। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था। पुलिस उसे एक आतंकी ठिकाने तक ले जा रही थी, तभी उसने विशॉ नाले में कूदकर जान दे दी। लेकिन इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। कुछ नेता इसे हिरासत में मौत बता रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।

पहलगाम हमला क्या था?

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार किया। पुलिस ने तीन संदिग्धों—हाशिम मूसा, अली भाई और अब्दुल हुसैन ठोकर—के स्केच जारी किए। इनमें दो पाकिस्तानी नागरिक हैं। हमले के बाद सेना और पुलिस ने पूरे कश्मीर में तलाशी अभियान चलाया और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया।

इम्तियाज माग्रे की मौत कैसे हुई?

पुलिस के मुताबिक, इम्तियाज को पहलगाम हमले की जांच के दौरान हिरासत में लिया गया था। उसने कबूल किया कि वह आतंकियों का ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) था, यानी वह आतंकियों को खाना, ठिकाना और जानकारी देता था। 4 मई को पुलिस उसे कुलगाम के जंगल में एक आतंकी ठिकाने तक ले जा रही थी। रास्ते में उसने विशॉ नाले में कूदकर भागने की कोशिश की और डूब गया। ड्रोन फुटेज में एक व्यक्ति को नदी में कूदते और बहते हुए देखा गया। पुलिस ने उसका शव अदबल नाले से बरामद किया।

नेताओं ने क्या कहा?

इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में सियासत गर्म हो गई। कुछ नेताओं ने इसे हिरासत में मौत का मामला बताया और जांच की मांग की। सकीना इट्टू (राज्य मंत्री ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड में इम्तियाज के खिलाफ कुछ नहीं था। वे उपराज्यपाल से निर्दोष लोगों को परेशान न करने की अपील की और न्यायिक जांच की मांग की।

महबूबा मुफ्ती (पूर्व मुख्यमंत्री, पीडीपी) ने दावा किया कि इम्तियाज को दो दिन पहले हिरासत में लिया गया था और उसका शव रहस्यमय तरीके से नाले में मिला। उन्होंने इसे शांति और पर्यटन को बिगाड़ने की साजिश बताया।

आगा रूहुल्लाह मेहदी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) ने कहा कि इम्तियाज को सुरक्षाबलों ने पहले हिरासत में लिया था और अब वह मृत मिला। उन्होंने हिरासत में हत्या का आरोप लगाया और इसे गलत बताया।

पुलिस और सेना की कार्रवाई

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर में सख्ती बढ़ा दी। कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में आतंकियों के घर शामिल हैं। पुलिस ने इम्तियाज की मौत की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगे कि उसकी मौत का असली कारण क्या था। ड्रोन फुटेज को सबूत के तौर पर पेश किया गया है।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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