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Pahalgam Terror Attack: सैलानियों को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़ा सैयद आदिल हुसैन शाह, आतंकी से राइफल छीनने में गई जान

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली। इस त्रासदी के बीच एक ऐसी कहानी सामने आई, जो साहस और इंसानियत की मिसाल बन गई।

Pahalgam Terror Attack: सैलानियों को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़ा सैयद आदिल हुसैन शाह, आतंकी से राइफल छीनने में गई जान
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By Ragib Asim

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली। इस त्रासदी के बीच एक ऐसी कहानी सामने आई, जो साहस और इंसानियत की मिसाल बन गई। सैयद आदिल हुसैन शाह स्थानीय घुड़सवार ने आतंकियों से निहत्थे लोहा लिया और एक महिला पर्यटक को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी।

सैयद आदिल हुसैन शाह इंसानियत का प्रतीक

सैयद आदिल हुसैन शाह (28) पहलगाम में पर्यटकों को टट्टू की सवारी कराने का काम करते थे। हमले के दौरान, जब आतंकियों ने बैसरन घाटी में गोलीबारी शुरू की, आदिल ने हिम्मत का परिचय दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने एक आतंकी से राइफल छीनने की कोशिश की और एक महिला पर्यटक को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़ गए। इस संघर्ष में उन्हें गोली लगी, और श्रीनगर के SMHS अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

आदिल अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे और इस हमले में शहीद होने वाले एकमात्र मुस्लिम शख्स। उनकी मां ने रोते हुए कहा, मेरा आदिल हमारा सब कुछ था। वह दूसरों की जान बचाने गया, लेकिन खुद नहीं बचा।

आदिल के पिता ने बताया, दोपहर 3 बजे हमें हमले की खबर मिली। आदिल का फोन बंद था। शाम 4:40 बजे फोन चालू हुआ, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि उसे गोली लगी है।" उन्होंने गुस्से में कहा, "इस नृशंसता के जिम्मेदारों को सजा मिलनी चाहिए।

आतंकियों की क्रूरता, धर्म के नाम पर हत्या

चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पर्यटकों को बंधक बनाकर उनके नाम और धर्म पूछे। कुछ लोगों से इस्लामी आयत 'कलमा' पढ़ने को कहा गया। जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए या जिनके नाम हिंदू थे, उन्हें बेरहमी से गोली मार दी गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "आतंकी पुरुषों को चुन-चुनकर मार रहे थे। महिलाओं और बच्चों को एक तरफ कर दिया गया।"

हमले में मारे गए 26 लोगों में दो विदेशी (UAE और नेपाल से), दो स्थानीय (जिनमें आदिल शामिल), और बाकी उत्तर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, और ओडिशा के पर्यटक थे। कई लोग घायल हुए, जिनका इलाज श्रीनगर और अनंतनाग के अस्पतालों में चल रहा है।

35 साल बाद कश्मीर बंद

23 अप्रैल 2025 को कश्मीर घाटी में 35 साल बाद पूर्ण बंद देखा गया। मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की गई। पहलगाम, श्रीनगर, और अनंतनाग में बाजार बंद रहे, और सड़कों पर लोग 'आतंकवाद के खिलाफ एकता' और 'शांति की पुकार' के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करते दिखे। पहलगाम अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है, आज गम में डूबा है। स्थानीय निवासी हसन मीर ने कहा, "आदिल हमारा गर्व था। उसने आतंकियों से लोहा लिया, लेकिन हमने उसे खो दिया। यह कश्मीर के दिल पर वार है।"

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू तल्हा—के स्केच जारी किए हैं। NIA, सेना, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरन के जंगलों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया है। खुफिया सूत्रों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह खालिद उर्फ कसूरी को हमले का मास्टरमाइंड बताया है। आतंकियों ने बॉडीकैम से हमले की वीडियोग्राफी की और पहले इलाके की रेकी की थी।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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