Odisa IAS, IPS Transfer: ओड़िसा में मेजर प्रशासनिक सर्जरी, बीजेपी की नई सरकार बड़ी संख्या में कलेक्टर, एसपी, आईजी और मैदानी अधिकारियों का करेगी ट्रांसफर
Odisa IAS, IPS Transfer: विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेडी की करारी पराजय के बाद ओड़िसा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। जाहिर है, नई सरकार प्रशासन और पुलिस में सर्जरी कर अपने हिसाब से अफसरों को जिलों में पोस्ट करेगी।
Odisa IAS, IPS Transfer: भुवनेश्वर। ओड़िसा में 24 साल से चल रही नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की विधानसभा चुनाव 2023 में विदाई हो चुकी है। बीजेपी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए पहली बार ओड़िसा में सरकार बनाने जा रही है। जल्द ही नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण होगा। शपथ लेने के बाद नई सरकार प्रशासन और पुलिस महकमे में बड़ी सर्जरी करते हुए मंत्रालय में सचिवों से लेकर जिलों में कलेक्टर, एसपी को बदलेगी।
मेजर सर्जरी
वैसे भी किसी राज्य में नई सरकार आती है तो बड़े स्तर पर प्रशासन और पुलिस में तबादले किए जाते हैं। पूरी प्रशासनिक उलटफेर हो जाती है। अधिकांश जिलों में प्रशासन और पुलिस के चेहरे बदले जाएंगे। सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो तीन दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टर, एसपी बदले जा सकते हैं।
बोर्ड और कारपोरेशन में भी बदलाव
मंत्रालय, जिलों, नगर निगमों और जिला पंचायतों के अलावा राजधानी के विभिन्न बोर्डों और कारपोरेशनों में बड़ी संख्या में आईएएस पोस्टेड हैं। उनमें से भी कई को बदला जाएगा। इनमें से कुछ को प्रमोट कर जिलों में कलेक्टर बनाए जाने की खबरें आ रही हैं।
संगठन की शिकायत
कुछ कलेक्टर, एसपी समेत मैदानी अधिकारियों के खिलाफ बीजेपी संगठन के नेताओं की शिकायतें हैं। इनमें लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष के प्रत्याशियों को मदद करने का आरोप भी शामिल है। कई जिलों के सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं से इसकी शिकायतें की हैं। पता चला है, सरकार अपने स्तर पर इसकी जांच करा रही है। कुछ के खिलाफ ठोस साक्ष्य भी मिले हैं, जिन्होंने विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों के प्रचार में मदद की। सूत्रों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्रियों से तालमेल नहीं!
कुछ मंत्रियों के साथ उनके सचिवों के साथ समन्वय न बैठने की भी शिकायतें हैं। कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की है। सीएम को बताया गया है कि फलां सचिव उनकी सुनते नहीं या फिर फाइलों में हीलाहवाला करते हैं। सीनियर अफसरों का कहना है कि बिना मंत्री और सचिव के तालमेल के बिना योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो सकता। लिहाजा, जिन विभागों में मंत्रियों और सचिवों के बीच तालमेल नहीं, उन विभागों में सचिवों को बदल देना चाहिए। कुछ मंत्री अपने पसंद के सचिव भी चाह रहे हैं। सरकार इस पर विचार कर रही है।
एसपी, आईजी भी बदलेंगे
लोकसभा चुनाव के बाद पुलिस मुख्यालय में सीनियर लेवल पर कुछ आईपीएस अधिकारियों को इधर-से-उधर किया जाएगा। वहीं, कुछ पुलिस रेंज के आईजी और जिलों के एसपी भी बदले जाएंगे। खासकर, जिनका दो साल के आसपास कार्यकाल हो गया है या फिर उनके खिलाफ शिकायत है या परफारमेंस के बारे में सरकार के पास फीडबैक ठीक नहीं है, उन्हें हटाया जाएगा।
तबादला सामान्य प्रक्रिया
आमतौर पर विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बाद सभी राज्यों में पुलिस और प्रशासनिक तबादले होते हैं। किसी राज्य में ज्यादा होते हैं, किसी राज्य में कम। वैसे, प्रशासनिक तबादले चुनाव में मिली सफलता पर निर्भर करते हैं। चुनाव में अगर सत्ताधारी पार्टी को अच्छी सफलता मिली तो छिटपुट ट्रांसफर होते हैं, जैसे कोई कलेक्टर, एसपी अच्छा काम किया हो तो उसे पारितोषिक के तौर पर अच्छे जिलों में पोस्ट किया जाता है। मगर सत्ताधारी पार्टी को अगर झटका मिला तो फिर बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले किए जाते हैं।