New CEC Gyanesh Kumar: कौन हैं देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, 370 से लेकर राम मंदिर तक निभाई अहम भूमिका, जानिए उनके बारे में
New CEC Gyanesh Kumar: देश को नया मुख्य चुनाव आयुक्त मिल गया. पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार(Former IAS Gyanesh Kumar) को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है.

New CEC Gyanesh Kumar: देश को नया मुख्य चुनाव आयुक्त मिल गया. पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार(Former IAS Gyanesh Kumar) को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है। ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। वहीं, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को ज्ञानेश कुमार की पदोन्नति के बाद चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।
राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को ख़त्म हो रहा है। तो उनकी जगह अब ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा। 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे। जो अब 26 वे मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे।
कौन है ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार को देश का 26 वां मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। वे केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी थे। आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी क्रैक की है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के रहने वाले हैं। अमित शाह के साथ ज्ञानेश कुमार काम कर चुके हैं और अमित शाह से उनकी अच्छी ट्यूनिंग रही है। भारत सरकार में गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, एवं सचिव के रूप में उन्होंने धारा 370 हटाने, तीन तलाक में विधेयक बनाने में फैसला लेने और राम मंदिर के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाने का काम किया है। युद्ध ग्रस्त इराक से केरल की 40 नर्सों को सुरक्षित भारत वापस लाने के सफल ऑपरेशन को भी ज्ञानेश कुमार ने अंजाम दिया है। अपनी योग्यता के चलते सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी पद पर ज्ञानेश कुमार को बनाए रखा गया। 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्ति के डेढ़ माह बाद ही 15 मार्च 2024 को उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी गई। ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 22 राज्यों में चुनाव करवाएंगे। आईए जानते हैं उनके बारे में...
जन्म और शिक्षा
ज्ञानेश कुमार का पूरा नाम ज्ञानेश कुमार गुप्ता है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के विजय नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं। ज्ञानेश कुमार का जन्म 27 जनवरी 1964 को हुआ था। उनके पिता सुबोध गुप्ता रेडियोलॉजिस्ट रहे हैं। वे सरकारी नौकरी में थे और अलग– अलग जगह पोस्टिंग के बाद चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर अलीगढ़ संभाग के एटा जिले से सेवानिवृत हुए हैं। रिटायरमेंट के बाद अभी वर्तमान में श्री राम सेंटेनियल स्कूल का संचालन उनके पिता सुबोध गुप्ता करते हैं। जबकि उनकी माता सत्यवती गुप्ता पतंजलि योगपीठ योगाचार्य हैं। ज्ञानेश कुमार के परिवार का पिछले कई पीढ़ियों से चिकित्सा जगत से नाता रहा है और कई पीढ़ियों से उनके परिवार में डॉक्टर बनते रहे हैं। ज्ञानेश कुमार की मां चाहती थीं कि उन्हें किसी अलग फील्ड में डाला जाए इसलिए उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया गया।
पिता के सरकारी नौकरी में रहने के चलते अलग-अलग जगह तबादला होने के कारण ज्ञानेश कुमार की पढ़ाई अलग-अलग जगह से हुई है। उनकी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा गोरखपुर से शुरू हुई। फिर उन्होंने अलग-अलग जिलों में पढ़ाई किया। उनकी मां सत्यवती गुप्ता के अनुसार ज्ञानेश कुमार शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं और कभी भी उन्होंने कोचिंग नहीं की। वाराणसी के क्वीनस कॉलेज से हाईस्कूल और लखनऊ के काल्विन कॉलेज से हायर सेकेंडरी की परीक्षा ज्ञानेश कुमार ने उत्तीर्ण की। हायर सेकेंडरी में उन्होंने टॉप किया था। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल ब्रांच में बीटेक किया। बीटेक के बाद परिवार वालों की सलाह और खुद के रुझान को देखते हुए दिल्ली चले गए और यूपीएससी की तैयारी करने लगे। यूपीएससी क्रैक कर केरल कैडर के आईएएस बनें।
ज्ञानेश कुमार ने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ़ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है।
पारिवारिक जीवन
ज्ञानेश कुमार अपने परिवार के भी आदर्श हैं। उनके सिविल सर्विसेज में जाने के बाद उनका छोटा भाई मनीष भी आईआरएस अधिकारी बना। इसके अलावा ज्ञानेश कुमार की बहन रोली जैन ने पीएचडी की है। ज्ञानेश कुमार की बहन रोली के पति उपेंद्र जैन मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार की तरह उनके बच्चों ने भी सिविल सर्विसेज में जाने के लिए ज्ञानेश कुमार को अपना आदर्श माना। ज्ञानेश कुमार की दो बेटी और एक बेटा है। ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम और उनके पति मनीष बंसल 2014 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस हैं। मेधा रूपम शूटिंग में गोल्ड मेडल विजेता भी रहीं हैं और वर्तमान में बाराबंकी जिले में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। गणेश कुमार की छोटी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरु आईएएस अधिकारी हैं। जबकि ज्ञानेश कुमार का बेटा आर्नव अभी पढ़ाई कर रहा है।
प्रोफेशनल कैरियर
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग केरल सरकार में एर्नाकुलम के सहायक कलेक्टर के रूप में हुई। वे अदूर जिले के उप जिलाधिकारी, कोचीन नगर निगम के नगर निगम कमिश्नर के पद पर रहे। कलेक्टर के बतौर उनकी पहली पोस्टिंग त्रिवेंद्रम जिले में हुई। केरल सरकार में सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने वित्त विभाग, लोक निर्माण विभाग और फास्ट ट्रैक परियोजनाओं में कार्य किया। ज्ञानेश कुमार लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे। यूपीए सरकार के दौरान ज्ञानेश कुमार रक्षा मंत्रालय में कार्य कर चुके हैं। वे संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में उन्होंने काम किया। अतिरिक्त सचिव के बाद सचिव के तौर पर भी ज्ञानेश कुमार ने काम किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में वे कश्मीर डिविजन के प्रभारी रह चुके हैं। इस दौरान केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था जिसमें ज्ञानेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। तीन तलाक विरोधी विधेयक बनाने में भी ज्ञानेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के बनने में अहम भूमिका ज्ञानेश कुमार की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ज्ञानेश कुमार ने सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे थे। अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप की जो मूर्ति लगी है, उसे मूर्ति के निर्णायक मंडल में भी वह शामिल रहे। वर्तमान में ज्ञानेश कुमार श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सरकार की तरफ से प्रतिनिधि है। युद्ध ग्रस्त इराक से केरल की 40 नर्सों को सुरक्षित वापस लाने का सफल ऑपरेशन भी ज्ञानेश कुमार की उपलब्धियों में से एक है। गृह मंत्रालय के बाद सहकारिता मंत्रालय में सचिव के तौर पर ज्ञानेश कुमार कार्य कर चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास गृह मंत्रालय के अलावा सहकारिता विभाग भी था। उनके विश्वस्त अफसर होने के चलते सहकारिता विभाग में ज्ञानेश कुमार को सचिव के पद पर नियुक्ति मिली। रिटायरमेंट की आयु के बाद भी उन्हें एक्सटेंशन देकर पद पर रखा गया। 31 जनवरी 2024 को वे सेवानिवृत हुए। जिसके डेढ़ माह पश्चात 15 मार्च 2024 को उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी गई। अब उन्हें देश का 26 वाँ मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा। इस दौरान लगभग सभी बड़े राज्यों में 22 विधानसभा के चुनाव कराने का जिम्मा ज्ञानेश कुमार के जिम्मे होगा।