NEET-UG Paper Leak Case: NEET पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने की सुनवाई, NTA की भूमिका पर उठाया सवाल
NEET-UG Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट में NEET पेपर लीक मामले को लेकर CJI चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है। इस दौरान उन्होंने 40 से ज्यादा याचिकाओं पर दलीलें सुनीं।
NEET-UG Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट में NEET पेपर लीक मामले को लेकर CJI चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है। इस दौरान उन्होंने 40 से ज्यादा याचिकाओं पर दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर 1 लाख 8 हजार छात्रों को दाखिला मिलता है तो बाकी 22 लाख छात्रों को दाखिला नहीं मिल पाता। ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करने के लिए ठोस आधार जरूरी है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई हो।
सेंटर के चुनाव पर CJI की सवाल
CJI चंद्रचूड़ ने NTA से पूछा कि उम्मीदवार आवेदन करते समय शहर या केंद्र का चयन करते हैं। NTA ने बताया कि छात्र केवल शहर का चयन कर सकते हैं, केंद्र का नहीं। केंद्र आवंटन सिस्टम के द्वारा ही किया जाता है और परीक्षा से दो दिन पहले केंद्र आवंटित किया जाता है, जिससे कोई भी उम्मीदवार पहले से केंद्र के बारे में नहीं जान सकता।
ग्रेस मार्क्स पर बहस
CJI चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि ग्रेस मार्क्स क्यों वापस लिए गए जब पहले इन्हें बरकरार रखा गया था। NTA ने बताया कि देश भर के टॉप 100 छात्रों का एनालिसिस किया गया और टॉपर्स अलग-अलग सेंटर के हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पायथन सॉफ्टवेयर पेपर लीक की गड़बड़ी नहीं पकड़ सकता क्योंकि IIT ने एनालिसिस के लिए बेसिक नंबर 23 लाख रखा, जबकि इसे 1 लाख 8 हजार रखना चाहिए था।
याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि IIT मद्रास की रिपोर्ट के अनुसार 23 लाख छात्रों के डेटा के एनालिसिस पर कोई गड़बड़ी नहीं दिख रही है। लेकिन, लीक और गड़बड़ियां इतने सूक्ष्म स्तर पर हुई हैं कि उन्हें इतनी आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता। बहादुरगढ़ में एक हरदयाल स्कूल से पेपर लीक की बात भी सामने आई।
NTA की भूमिका पर सवाल
CJI चंद्रचूड़ ने पूछा कि NTA की IIT JEE में क्या भूमिका है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि NTA ने JEE Mains कराया था और IIT मद्रास के डायरेक्टर NTA एक्स ऑफिशियो सदस्य होते हैं।
दोबारा परीक्षा की मांग
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 131 छात्र री-टेस्ट चाहते हैं, जबकि 254 छात्र दोबारा परीक्षा नहीं चाहते। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि NTA ने सभी अभ्यार्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। CJI चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं। वकील ने बताया कि कुल सीटों की संख्या 56 हजार हैं और कम से कम एक लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाना चाहिए।
फैक्ट्स पर चर्चा
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले फैक्ट्स पर बात करें और जानें कि 1 लाख 8 हजार में कितने याचिकाकर्ता हैं और इनमें से कितने छात्र अब तक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। यह सुनवाई आगे भी जारी रहेगी, जिससे NEET पेपर लीक मामले में न्याय मिलने की उम्मीद बनी रहेगी।