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Nari shakti vandan: लोकसभा ने महिला आरक्षण से जुड़े 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023' को किया पारित, 2 सांसदों ने विरोध में डाला वोट

Nari shakti vandan:

Nari shakti vandan: लोकसभा ने महिला आरक्षण से जुड़े नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 को किया पारित, 2 सांसदों ने विरोध में डाला वोट
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By Sanjeet Kumar

नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को दिन भर चली चर्चा के बाद महिला आरक्षण से जुड़े संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक- 2023 को पारित कर दिया। लोकसभा और देश की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम -2023' (128 वां संविधान संशोधन) के पक्ष में लोकसभा के 454 सांसदों ने वोट दिया। वहीं, दो सांसदों ने बिल के खिलाफ अपना वोट दिया।


वायनाड महिला के लिए रिज़र्व हो गया तो क्या करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बुधवार को बोलते हुए कांग्रेस समेत अन्य विरोधी दलों पर निशाना साधा।

अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला सशक्तीकरण पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, कुछ दलों के लिए महिला सशक्तीकरण का नारा चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन, उनकी पार्टी और उनके नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं, मान्यता का मुद्दा है। यह उनके लिए उनके स्वभाव और संस्कृति का मुद्दा है।

शाह ने बिल को युग बदलने वाला विधेयक करार देते हुए इसे लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार भी जताया। शाह ने कहा कि चुनाव के बाद जनगणना और डिलिमिटेशन तुरंत होगा और बहुत जल्द वह दिन आएगा, जब एक तिहाई माताएं-बहनें यहां बैठकर देश का भाग्य तय करेंगी।

राहुल गांधी के बाद भाषण देने के लिए खड़े हुए अमित शाह ने सदन में बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के स्थान को वही समझ सकता है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हो, वह नहीं समझ सकते, जिनकी जड़ें भारत से नहीं जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह यह कहना नहीं चाहते हैं कि उनकी जड़ें कहां से जुड़ी हैं।

शाह ने एससी और एसटी के अलावा अन्य वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के संविधान के मुताबिक वर्तमान में सिर्फ तीन कैटेगरी - सामान्य, एससी और एसटी - से सांसद चुन कर आते हैं और तीनों ही कैटेगरी में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बिल में है।

राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों द्वारा इसे तुरंत लागू करने की मांग का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारतीय चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने में डिलिमिटेशन कमीशन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं और जिसमें चुनाव आयोग, अन्य संस्थाएं और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी होते हैं।

शाह ने आगे कहा कि अब एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करनी है तो वह कौन तय करेगा ? ये (विपक्षी दल) कह रहे हैं तुरंत करो, मतलब हम करें और वायनाड (राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र) रिजर्व हो गया तो क्या करोगे, तब कहेंगे राजनीतिक कारणों से कर दिया। हैदराबाद रिज़र्व हो गया तो ओवैसी साहब क्या कहेंगे। इसलिए यह अच्छा होगा कि डिलिमिटेशन कमीशन सभी राज्यों में जाकर ओपन हियरिंग के बाद पारदर्शी तरीके से यह तय करे कि कौन सी सीटें रिज़र्व की जाएं।

राहुल पर हमला जारी रखते हुए शाह ने कहा कि देश को सेक्रेटरी नहीं सरकार और यह संसद चलाती है और राहुल गांधी सरकार में ओबीसी मंत्रियों की संख्या देख लें। भाजपा के ओबीसी सांसदों और विधायकों की संख्या देख लें। शाह ने सवाल उठाया कि महिला आरक्षण बिल लाने का यह पांचवां प्रयास है। आखिर क्या कारण रहा कि पहले चार बार जब इस बिल को लाने की कोशिश की गई तब यह पास नहीं हो पाया ?

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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