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Mumbai Attack 26/11: आरोपी आतंकी Tahawwur Rana के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल, 400 पेज की चार्जशीट में लगाए गए गंभीर आरोप

Mumbai Attack 26/11: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी (26/11 terrorist attacks) हमलों में संलिप्तता के लिए पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी (Pakistani-origin Canadian businessman) तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के खिलाफ सोमवार को एक विशेष अदालत (special court) के समक्ष आरोप पत्र (charge sheet) दाखिल किया.

Mumbai Attack 26/11: आरोपी आतंकी Tahawwur Rana के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल, 400 पेज की चार्जशीट में लगाए गए गंभीर आरोप
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By S Mahmood

Mumbai Attack 26/11: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी (26/11 terrorist attacks) हमलों में संलिप्तता के लिए पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी (Pakistani-origin Canadian businessman) तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के खिलाफ सोमवार को एक विशेष अदालत (special court) के समक्ष आरोप पत्र (charge sheet) दाखिल किया. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष 400 पन्नों से अधिक का आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था. राणा फिलहाल अमेरिका में हिरासत में है।

सरकारी वकील ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दस्तावेज मंगलवार को विशेष अदालत के समक्ष आने की संभावना है. देश के लिए यह एक बड़ी जीत है. अमेरिकी अदालत ने मुकदमे का सामना करने के लिए इसी साल मई में 62 वर्षीय राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी. हालांकि बाद में उच्‍च अदालत ने इस आदेश को पलट दिया था. मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे. देश की आर्थिक राजधानी में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर एक साथ हमला किया था।

बाइडन प्रशासन की अपील को खारिज करते हुए एक अमेरिकी अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सेंट्रल कैलिफोर्निया में अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश डेल एस. फिशर ने अपने नवीनतम आदेश में कहा कि राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग करने वाले उसके ‘एकतरफा आवेदन’ को मंजूरी दी जाती है. इससे पहले अमेरिका की एक संघीय अदालत ने मई में तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए सहमति दे दी थी, जिसे भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत बताया जा रहा था।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चोलजियान ने 48 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत 62 वर्षीय राणा को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए।

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