MSME Budget 2025 Exclusive: MSME सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान, लोन 5 से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया
MSME Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इसमें सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए ऋण प्रोत्साहन की घोषणा की है।

MSME Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इसमें सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए ऋण प्रोत्साहन की घोषणा की है। इसी तरह महिलाओं के साथ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोगों को पहली बार उद्योग स्थापित करने के लिए लोगों को भी ऋण देने की घोषणा की है। इन घोषणाओं से देश में रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि उद्यमों को उच्च दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच हासिल करने में मदद करने के लिए सभी MSME के वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा को ढाई गुना और टर्नओवर सीमा को 2 गुना बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार MSME के लिए ऋण गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करेगी। इसी तरह, अगले 5 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण भी दिया जाएगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी कवर को मौजूदा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का ऐलान किया है। इसी तरह, 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण के लिए गारंटी शुल्क को घटाकर 1 प्रतिशत किया जाएगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा 5 लाख रुपये होगी। पहले वर्ष में ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
वित्त मंत्री सीतारमण ने महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन देने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि पहली बार द्योग स्थापित करने वाली 5 महिलाओं के साथ SC और ST के लोगों को टर्म लोन की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत उन्हें 2 करोड़ रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जाएगा। यह सुविधा अगले 5 साल के लिए दी जाएगी। इससे महिलाएं भी स्वयं का उद्योग स्थापित करने में सक्षम हो सकेगी।
देश के विकास में कितना अहम है MSME सेक्टर?
बता दें कि MSME सेक्टर ने देश के विकास में काफी अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में देश में 5.7 करोड़ MSME संचालित हैं और ये देश के 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं। MSME सेक्टर देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 36 फीसदी का योगदान देता है। भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में MSME बहुत अहम हैं, जो देश के निर्यात में 45 फीसदी का योगदान देते हैं। ऐसे में सरकार का इस पर पूरा ध्यान है।