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Money Laundering Case: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव सहित सभी आरोपितों को मिली जमानत, जानिए पूरा मामला

Land-For-Jobs Scam Case: दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव को बड़ी राहत देते हुए नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार (7 अक्टूबर) को जमानत दे दी।

Money Laundering Case: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव सहित सभी आरोपितों को मिली जमानत, जानिए पूरा मामला
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By Ragib Asim

Land-For-Jobs Scam Case: दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव को बड़ी राहत देते हुए नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार (7 अक्टूबर) को जमानत दे दी। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

अदालत द्वारा पहले जारी किए गए समन के अनुपालन के तहत आरोपी उसके समक्ष पेश हुए। RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। इस दौरान लालू यादव की बेटी और RJD सांसद मीसा भारती भी मौजूद थीं। जज ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किए थे।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की थी। ED ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर अपना मामला दायर किया। जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-D में हुई भर्तियों से जुड़ा है। ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं।

क्या है आरोप?

आरोप है कि रेलवे में भर्ती होने वाले लोगों ने नौकरी के बदले लालू के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को उपहार स्वरूप जमीन दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज विशाल गोगने ने समन आदेश सुनाते हुए कहा था, "प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि लालू यादव अपने पद के कारण सार्वजनिक रोजगार उपलब्ध कराने की स्थिति में थे। कई लोगों ने लालू के परिवार को मौजूदा बाजार दरों से सस्ती दरों पर जमीन के टुकड़े दिए थे।"

जज ने आगे कहा, "ऐसा लगता है कि लालू ने जमीन के टुकड़ों के बदले सरकारी नौकरियां बांटी हैं। तेजस्वी ने कथित तौर पर AK इंफोसिस्टम्स नामक कंपनी के शेयर बहुत कम कीमत पर लिए थे। अपराध की आय के इस्तेमाल के बारे में रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री मौजूद है। इसी तरह, जिन आरोपियों ने अपनी जमीनें बेचीं, उन्हें जानबूझकर इस काम में शामिल होते हुए अपराध की आय अर्जित करते हुए देखा जा सकता है।"

तेजप्रताप पहली बार तलब

पूरक आरोपपत्र में तेज प्रताप यादव को आरोपी नहीं बनाया गया था। लेकिन अदालत ने उन्हें भी पहली बार तलब किया था। जज ने तेज प्रताप के बारे में कहा था, "यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि पटना में एक भूखंड तेज प्रताप और तेजस्वी दोनों ने एके इंफोसिस्टम्स को बेचा था। इस प्रकार, तेज प्रताप सिंह की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उन्हें कोई शेयरधारिता नहीं मिली। एक भाई को दूसरे से अलग करना मुश्किल है। दोनों कंपनी में डायरेक्टर थे। अदालत को प्रथम दृष्टया लगता है कि तेज प्रताप भी इसमें शामिल थे।"

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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