Modi Cabinet Decisions : मोदी कैबिनेट के तीन बड़े फैसले : 11,718 करोड़ की पहली डिजिटल जनगणना, समेत 2 और बड़े निर्णय
Modi Cabinet Decisions : केंद्र की मोदी कैबिनेट ने देश की अर्थव्यवस्था, ऊर्जा क्षेत्र और कृषि को प्रभावित करने वाले तीन बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दे दी है

Modi Cabinet Decisions : मोदी कैबिनेट के तीन बड़े फैसले : 11,718 करोड़ की पहली डिजिटल जनगणना, समेत 2 और बड़े निर्णय
Modi Cabinet Decisions : नई दिल्ली। केंद्र की मोदी कैबिनेट ने देश की अर्थव्यवस्था, ऊर्जा क्षेत्र और कृषि को प्रभावित करने वाले तीन बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दे दी है। इन फैसलों में जनगणना 2027 के लिए बड़ा वित्तीय आवंटन, कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता लाने वाली नई नीति 'CoalSETU' को मंजूरी और नारियल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नीतिगत अनुमति शामिल है।
1. पहली डिजिटल जनगणना २०२७ : 11,718 करोड़ का आवंटन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि जनगणना-2027 के सफल आयोजन के लिए ₹11,718 करोड़ का भारी-भरकम बजट मंजूर किया गया है। यह जनगणना भारत के इतिहास में पहली पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होगी। इसका डिजिटल डिज़ाइन डेटा सुरक्षा (Data Protection) को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी
पहला चरण (अप्रैल से सितंबर 2026) : इस चरण में हाउस लिस्टिंग (मकानों की सूची बनाना) और हाउसिंग सेंसस (आवास जनगणना) का कार्य किया जाएगा।
दूसरा चरण (फरवरी 2027) : इस चरण में देश की आबादी की गिनती (जनगणना) की जाएगी।
सरकार का लक्ष्य है कि जनगणना के डेटा को पूरे देश में कम से कम समय में उपलब्ध कराया जाए। इसके परिणामों को जारी करने के लिए अधिकतम विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स (दृश्य उपकरण) का उपयोग किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनगणना के डेटा को सबसे निचली प्रशासनिक इकाई यानी गाँव/वार्ड स्तर तक सभी के साथ साझा किया जाएगा, जिससे बेहतर नीति निर्माण में मदद मिल सके।
जनगणना 2027 के सफल संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर लगभग 550 दिनों के लिए लगभग 18,600 तकनीकी जनशक्ति को लगाया जाएगा। इससे लगभग 1.02 करोड़ मानव-दिवस का रोजगार उत्पन्न होगा। यह कार्य डिजिटल डेटा हैंडलिंग, निगरानी और समन्वय से संबंधित होने के कारण तकनीकी जनशक्ति के लिए बड़े पैमाने पर क्षमता निर्माण (Capacity Building) का अवसर भी पैदा करेगा।
2. CoalSETU नीति : कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता
दूसरा बड़ा फैसला कोयला क्षेत्र से संबंधित है। केंद्रीय कैबिनेट ने कोयला आपूर्ति और वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई नीति 'CoalSETU' को मंजूरी दी है। यह नीति कोयला लिंकिंग नीति में बड़ा सुधार लाएगी।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने CoalSETU के बारे में बताते हुए कहा कि अब कोई भी घरेलू खरीदार लिंकेज ऑक्शन (Linkage Auction) में हिस्सा ले सकता है। इसके अलावा, कोल लिंकेज धारक अपने कोटे का 50% तक निर्यात (Export) भी कर सकते हैं। हालाँकि, बाजार में गड़बड़ी और जमाखोरी को रोकने के लिए व्यापारियों (Traders) को इसमें हिस्सा लेने की इजाजत नहीं होगी। इस नीति से कोयला लिंकेज आवंटन की प्रक्रिया अधिक खुली और पारदर्शी बनने की उम्मीद है।
3. नारियल किसानों के लिए MSP पर नीतिगत अनुमति
कैबिनेट का तीसरा अहम फैसला किसानों के हित में है। कोपरा-2026 (Copra) सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नीतिगत अनुमति दी गई है। यह फैसला नारियल किसानों के लिए एक बड़ा हितकारी कदम है, जिससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने की सुनिश्चितता मिलेगी और वे बाजार की अस्थिरता से बच सकेंगे।
