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Jabalpur MP: गायब हुई शिवराज की प्रोग्राम फाइल- 5 करोड़ का हिसाब-किताब स्वाहा

Madhya Pradesh News: जबलपुर में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए कार्यक्रम को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस कार्यक्रम से जुड़ी फाइल के 22-23 पन्नों का नोटशीट गायब हो गया है...

Jabalpur MP: गायब हुई शिवराज की प्रोग्राम फाइल- 5 करोड़ का हिसाब-किताब स्वाहा
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Jabalpur news mp 

By Manish Dubey

Madhya Pradesh News: जबलपुर में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए कार्यक्रम को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस कार्यक्रम से जुड़ी फाइल के 22-23 पन्नों का नोटशीट गायब हो गया है. जिससे कार्यक्रम का मैनेजमेंट संभालने वाली कंपनी का पेमेंट फंस गया है. गायब हुई नोटशीट में आयोजन से जुड़े 5 करोड़ का हिसाब-किताब था, जिसका भुगतान किया जाना था. लेकिन ऐन मौके पर ये नोटशीट गायब हो गई है.

दरअसल, इस साल गणतंत्र दिवस और नर्मदा जयंती के मौके पर जबलपुर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने शिरकत की थी. इस मौके पर गायक सोनू निगम (Singer Sonu Nigam) और शान (Singer Shaan) भी आए थे. इस कार्यक्रम से जुड़ी फाइल के 22-23 पन्नों का नोटशीट गायब हो गया है, जिसमें कार्यक्रम से जुड़ा पूरा हिसाब-किताब था.

जांच में तीन अधिकारी सस्पेंड

यह कार्यक्रम इवेंट मैनेजमेंट कंपनी मेसर्स एक्सीलेंसी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को ठेका देकर आयोजित कराया गया था. कंपनी के बिल गायब हुए नोटशीट में लगे हुए थे. फाइल से नोटशीट गायब होने पर मामले की जांच की गई. जांच में पाया गया कि अधिकारियों के हाजिरी रजिस्टर में व्हाइटनर लगाकर लीपापोती का प्रयास हुआ है. कार्यालय अधीक्षक एक खास तारीख पर अवकाश पर थे, जबकि रजिस्टर में बकायदा उनके साइन पाए गए.

जांच के समय आनन-फानन में व्हाइटनर का प्रयोग कर उसे मिटाने की कोशिश की गई. जिसके बाद जबलपुर कलेक्टर ने मामले की एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन ने शुरुआती जांच के आधार पर कार्यालय अधीक्षक बृजेश ठाकुर, शुभम यादव और शौमिल पटेल को निलंबित कर दिया है.

इवेंट कंपनी का फंसा भुगतान

इस मामले के सामने आने के बाद इवेंट कंपनी का करोड़ों का भुगतान फंस गया है. कार्यक्रम के आयोजन के लिए राज्य सरकार पहले ही जिला प्रशासन को 4.6 करोड़ की राशि दे चुकी थी. जबकि, पूरी राशि आने के बाद पुरातत्व पर्यटन और संस्कृति परिषद से कंपनी को भुगतान किया जाना था. अब नोटशीट गायब हो जाने से कंपनी का पेमेंट बीच में फंस गया है.

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