Nand Gopal Nandi vs Akhilesh Yadav: मिर्जापुर की गंगाजली पर नंदी- अखिलेश आमने सामने
Nand Gopal Nandi vs Akhilesh Yadav: यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्रभारी जनपद मिर्जापुर में प्रवास के दौरान एक दलित के घर खाना खाया. इसे लेकर अब राजनीती तेज हो रही है...
Nand Gopal Nandi vs Akhilesh Yadav: यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्रभारी जनपद मिर्जापुर में प्रवास के दौरान सिटी विकास खण्ड के शाहपुर चौसा गांव में चौपाल लगाकर गांव की ही रहने वाली दलित महिला गंगाजली के घर पर अधिकारियों के साथ सहभोज किया था। दलित महिला के घर पर मंत्री नन्दी द्वारा किए गए भोजन पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया।
अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपाई मंत्री वोट की खोज में, दलित के घर दिखावटी भोज में...। अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर पलटवार करते हुए मंत्री नन्दी ने लिखा कि जिस अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में कभी गरीब और दलित की चिंता नहीं की, वो आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, अखिलेश यादव की विश्वसनीयता और गंभीरता का थर्मामीटर दिन ब दिन पप्पू और राहुल से भी नीचे गिरता जा रहा है। अखिलेश यादव को सलाह देते हुए मंत्री नन्दी ने लिखा कि इस तरह की छोटी और ओछी हरकतों से बाज आइये। एक गरीब व दलित के आतिथ्य का मजाक उड़ाना अक्षम्य है।
कहा जाता है कि जैसी दृष्टि होती है वैसी ही सृष्टि दिखती है। जब दिमाग में खालीपन हो और दृष्टि विकृत हो तो चूल्हे पर सिंकती बाजरे की रोटी और बहुत प्यार से बनाया गया सरसों का साग नहीं दिखता। गंगाजली देवी ने जिस स्नेह और आत्मीयता से विधायक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को खाना खिलाया उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। एसी में बैठकर ऊल-जुलूल, अनर्गल, अगंभीर और तथ्यहीन ट्वीट करना ही आपकी विशेषता है।
उन्होंने कहा कि कौन भूल सकता है कि 2012 में आपने शपथ भी नहीं ली थी केवल रुझान आये थे और सपाइयों ने दलितों की कई बस्तियाँ जला दी थीं! अपनी सरकार में जब आपने कभी गरीब और दलित की चिन्ता नहीं की तो अब घड़ियाली आँसू मत बहाइये। सबको पता है कि सपा के कार्यकर्ता केवल जमीनों पर कब्जा, गुण्डागर्दी और वसूली करना जानते हैं।
परिवार का दर्द आया बाहर
दैनिक भास्कर का एक video viral हो रहा है. इस video में महिला कह रही है कि, 'मंत्रीजी घर आए तो लगा अब सारी समस्याएं दूर होंगी…हमारी भी सुनवाई होगी, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम लोगों ने तो खुद कभी देसी घी नहीं खाया। मगर मंत्रीजी के लिए 100 रुपए का खरीद कर ले आए। वही घी रोटी में लगाकर उनको दिया था। उन्होंने हम लोगों को जो पैसा दिया है, उससे तो बस बेटे की दवा आ पाएगी। मगर हमारे सरकारी आवास और राशन कार्ड का वादा कौन पूरा करेगा?'